पंख जो होते मैं उड़ जाती नंद बाबा के द्वार

पंख जो होते मैं उड़ जाती नंद बाबा के द्वार पंख जो होते मैं उड़ जाती नंद बाबा के द्वार आँचल मेरा छलक रहा है बहे दूध की धार कन्हैया मेरा रोता होगा, लाल मेरा रोता होगा सात सुतों की बलि चढ़ाई, कंस राजा के द्वार आठों में जो कृष्ण हुआ, वो गया नंद के … Read more