दिन तेरे बन्धुवा दां, रात तेरी अपनी नींद नू छड़
दिन तेरे बन्धुवा दां, रात तेरी अपनी नींद नू छड़ दिन तेरे बन्धुवा दां, रात तेरी अपनी नींद नू छड़ के प्रभु नाम जप नी। उठ के सवेरे कहा जल्दी जल्दी नहां लवां चौंके बिच जा के चार रोटियां पका लवां हर वेले तैनू रहिंदी कम्मां वाली तक नी दिन तेरे बन्धुवा…. वेहली होवे जदो … Read more