दुर्गा अमृतवाणी लिरिक्स | durga amritvani lyrics

दुर्गा अमृतवाणी durga amritvani Part – 1 मंगलमयी भय मोचिनी दुर्गा सुख की खान ,जिसके चरणों की सुधा स्वयं पिये भगवान दुःखनाशक संजीवनी नवदुर्गा का पाठ, जिससे बनता भिक्षुक भी दुनिया का सम्राट अम्बा दिव्या स्वरूपिणी का ऐसो प्रकाश, पृथ्वी जिससे ज्योतिर्मय उज्जव्वल है आकाश दुर्गा परम सनातनी जग की सृजनहार, आदि भवानी महादेवी सृष्टि … Read more