नवम् अध्याय

नवम् अध्याय – पाठ मात्र से ही मिटे भीष्ण कष्ट अपार नवम् अध्याय राजा बोला ऐ ऋषि महिमा सुनी अपार। रक्तबीज को युद्ध में चण्डी दिया सहार। कहो ऋषिवर अब मुझे शुम्भ निशुम्भ का हाल। जगदम्बे के हाथों से आया कैसे काल । ऋषिराज कहने लगे राजन सुन मन लाय। दुर्गा पाठ का कहता हूं … Read more

आठवां अध्याय

आठवां अध्याय – निस दिन पढ़े जो प्रेम से शत्रु नाश हो जाय आठवां अध्याय दोहा:- काली ने जब कर दिया चण्ड मुण्ड का नाश । सुनकर सेना का मरण हुआ निशुम्भ उदास । तभी क्रोध करके बढ़ा आप आगे। इक्ट्ठे किए दैत्य जो रण से भागे। कुलों की कुलें असुरों की ली बुलाई। दिया … Read more

छटा अध्याय

छटा अध्याय नव दुर्गा के पाठ का छठा है यह अध्याय ।जिसके पढ़ने सुनने से जीव मुक्त हो जाय। ऋषिराज कहने लगे सुन राजन मन लाय।दूत ने आकर शुम्भ को दिया हाल बतलाय। सुनकर सब वृतांत को हुआ क्रोध से लाल । धूम्रलोचन सेनापति बुला लिया तत्काल । आज्ञा दी उस असुर को सेना लेकर … Read more

श्री दुर्गा स्तुति चौथा अध्याय

चौथा अध्याय – श्री दुर्गा स्तुति आदिशक्ति ने जब किया महिषासुर का नास। सभी देवता आ गये तब माता के पास। मुख प्रसन्न से माता के चरणों में सीस झुकाये। करने लगे – वह स्तुति मीठे बैन सुनायें। हम तेरे ही गुण गाते हैं, चरणों में सीस झुकाते है। तेरे जै कार मनाते हैं, जै … Read more

दुर्गा स्तुति तृतीय अध्याय

श्री दुर्गा स्तुति – तृतीय अध्याय चक्षुर ने निज सेना का सुना जभी संहार। क्रोधित होकर लड़ने को आप हुआ तैयार। ऋषि मेधा ने राजा से फिर कहा। सुनों तृतीय अध्याय की अब कथा । महा योद्धा चक्षुर था अभिमान में। गर्जता हुआ आया मैदान में। चलाता महा शक्ति पर तीर था। वह सेनापति असुरों … Read more

दुर्गा स्तुति दूसरा अध्याय

दूसरा अध्याय दुर्गा पाठ का दूसरा शुरु करूं अध्याय । जिसके सुनने पढ़ने से सब संकट मिट जाय। मेधा ऋषि बोले तभी, सुन राजन धर ध्यान । भगवती देवी की कथा करे सब का कल्याण । देव असुर भयो युद्ध अपारा, महिषासुर दैतन सरदारा। योद्धा बली इन्द्र से भिडयो, लड़यो वर्ष शतरणते न फिरयों । … Read more

दुर्गा स्तुति – श्री मंगला जयन्ती स्तोत्र

श्री मंगला जयन्ती स्तोत्र वरमांगू वरदायनी निर्मल बुद्धि दो। मंगला स्तोत्र पढू सिद्ध कामना हो। ऋषियों के यह वाक्य हैं सच्चे सहित प्रमाण , श्रद्धा भाव से जो पढ़े सुने हो जाये कल्याण। जय मां मंगला भद्रकाली महारानी,जयन्ती महा चण्डी दुर्गा भवानी। मधु कैटभ तुम ने थे संहार दीने, मैय्या चण्ड और मुण्ड भी मार … Read more

श्री दुर्गा कवच

श्री दुर्गा कवच ऋषि मारकंडे ने पूछा जभी। दया करके ब्रह्मा जी कवच दुर्गा बोले तभी। कि जो गुप्त मन्त्र है संसार में। हैं सब शक्तियां जिसके अधिकार में। हर इक का जो कर सकता उपकार है। जिसे जपने से बड़ा ही पार है। पवित्र कवच दुर्गा बलशाली का। जो हर काम पूरा करे सवाली … Read more

माँ काली कैसे प्रकट हुई ? मधु-कैटभ वध की कथा

माँ काली कैसे प्रकट हुई ? मधु-कैटभ वध की कथा उमा चरित सुजान। निल नित करती स्नेह व मानव का कल्याण ।। राजा सुरथ जो कि वीर पुरुष था माँ काली – सूतजी बोले-हे महात्मा पुरुषो! अब में काली चरित्र कहता हूँ तुम लोग धन्य हो जो उमा चरित्र को सुनना चाहते हो । स्वारोचिष … Read more

माँ लक्ष्मी अवतार

महिषासुर दानव भया शक्तिमान परचंड। जाके दुर्गा ने करे अंग-अंग सब खंड।। माँ लक्ष्मी अवतार कैसे हुआ? महिषासुर नामक दैत्य माँ लक्ष्मी अवतार-दैत्यों के कुल में रम्भासुर नाम का एक श्रेष्ठ दैत्य हुआ था। महिषासुर नामक महापराक्रमी उसका पुत्र हुआ। वह युद्ध में सभी देवताओं को जीतकर इन्द्र के सिंहासन पर बैठकर स्वर्ग का राज्य … Read more