रामजी की निकली सवारी रामजी की लीला है न्यारी लिरिक्स
सर पे मुकुट सजे मुख में उजाला मुख पे उजाला हाथ धनुष गले में पुष्प माला हम दास इनके यह सबके स्वामी अंजान हम यह अंतस्यामी शीश झुकाओ राम गुण गाओ बोलो जय विष्णु के अवतारी रामनी की निकली सवारी, रामजी की लीला है न्यारी, धीरे चला रथ ओ रथ वाले, तोहे खवर क्या ओ … Read more