श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभीषण, ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं, मुझ में भी है तुझ में भी है, सब में है समझाऊं, ऐ लंका पति विभीषण ले देख में तुझ को आज दिखाऊं, श्री राम जानकी … Read more