शिव अमृतवाणी (Anuradha paudwal Shiv Amritvani Lyrics)
शिव अमृतवाणी ॥ भाग 1 ॥ कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी,शिव चिंतन अविराम पतिक पावन जैसे मधुर,शिव रसन के घोल, भक्ति के हंसा ही चुगे,मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा,सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा, अद्भुत निखरी जाये जैसे चन्दन वृक्ष को,डसते नहीं है नाग शिव भक्तो के चोले को,कभी लगे … Read more