आठवीं महागौरी जगजाया – माँ महागौरी

माँ महागौरी की

माँ महागौरी

जै महा गौरी जगत की माया।जै उमा भवानी जय महामाया ।

हरिद्वार कनखल के पासा।महा गौरी तेरा वहां निवासा।

चन्द्रकली और ममता अम्बे। जै शक्ति जै जै जगदम्बे।

भीमा देवी विमला माता।कौशकी देवी जग विख्याता ।

हिमाचल के घर गौरी रुप तेरा।महां काली दुर्गा है स्वरुप तेरा ।

सती ‘सत’हवनकुंडमें था जलाया।उसी धुए ने रूप काली बनाया।

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया । तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।

तभी मां ने महागौरी नाम पाया।शरण तेरी आने वाले का संकट मिटाया।

शनिवार को तेरी पूजा जो करता । मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।

‘चमन’ बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो। महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।

चमन की श्री दुर्गा स्तुति

श्री दुर्गा स्तुति अध्याय

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महा काली स्तोत्र
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