एक राधा एक मीरा,
दोनों ने श्याम को चाहा,
अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो,
एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।
एक राधा एक मीरा,
दोनों ने श्याम को चाहा,
अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो,
एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।
राधा ने मधुबन में ढूँढा,
मीरा ने मन में पाया,
राधा जिसे खो बैठी वो गोविन्द,
मीरा हाथ बिक आया,
एक मुरली एक पायल,
एक पगली एक घायल,
अंतर क्या दोनों की प्रीत में बोलो,
अंतर लगा दोनों की प्रीत में बोलो
एक सूरत लुभानी
एक मूरत लुभानी,
एक सूरत लुभानी
एक मूरत लुभानी,
एक प्रेम दीवानी
एक दरस दीवानी ।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,
राधा के मनमोहन,
सागामापाधा पाथामा पारे
मागा धारे सानिधारे
रे गा मा गापामा
पाधापासानी सारे आ…
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,
राधा के मनमोहन,
राधा नित श्रृंगार करे और,
मीरा बन गयी जोगन,
एक रानी एक दासी,
दोनों हरी प्रेम की प्यासी,
अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो,
अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो,
एक जीत ने मानी, एक हार न मानी,
एक जीत न मानी एक हार न मानी
एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।
एक राधा एक मीरा,
दोनों ने श्याम को चाहा,
अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो,
एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।
एक राधा एक मीरा pdf
‘राधा’ शब्दोच्चारण से मुक्ति
राधा नाम का अर्थ
‘रा’ शब्दोच्चारणाद्भक्तो राति मुक्तिं सुदुर्लभाम् ।
‘धा’ शब्दोच्चारणाद्दुर्गे धावत्येव हरेः पदम् ॥
‘रा’ इत्यादानवचनो ‘धा’ च निर्वाणवाचकः ।
यतोऽवाप्नोति मुक्तिं च सा च राधा प्रकीर्तिता ।। [
भगवान् शिव कहते हैं- हे पार्वती ! ‘रा’ शब्द के उच्चारण से भक्त परम दुर्लभ मुक्ति-पद को प्राप्त करता है और ‘धा’ शब्दके उच्चारण से निश्चय ही वह दौड़कर श्रीहरि के धाम में पहुँच जाता है। ‘रा’ का अर्थ है ‘पाना’ और ‘धा’ का अर्थ है निर्वाण – मोक्ष, भक्त उनसे निर्वाण मुक्ति प्राप्त करता है, इसलिये उन्हें ‘राधा’ कहा गया है।
मीरा का अर्थ
मीरा एक कृष्ण भक्त थी। जिसका अर्थ है “प्रकाश या संत देवी “। इसे मीरा क रूप में भी लिखा जाता है। माना जाता है कि यह नाम संस्कृत शब्द “मीर” से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है “महासागर” या “समुद्र” जैसा अथाह प्रेम ।