गणपति गणेश जय-जय गौरी के लाला
गणपति गणेश जय-जय गौरी के लाला,
प्रथम मनाऊँ तुम्हें दीन दयाला।
शोभा तुम्हारी प्रभु सब से न्यारी,
एक दंत दयावन्त चार भुजा धारी।
सोहे गले में तेरे मोतियन की माला,
प्रथम मनाऊँ तुम्हे दीन दयाला।
महिमा अपार तेरी उमा के दुलारे,
दुखियन के तुम सबके रखवाले।
तुम सा दयालु कोई न देखा न भाला,
अष्ट सिद्धि नव निधि के हो दाता,
सब देवों के हो भाग्य विधाता,
वाहन तुम्हारा मूषक सब से निराला,
गले तेरे में मोतियन की माला।
सेवक जन तेरा सदा गुणगाते,
मंदिर में जा के तेरा गुणगाते,
मंदिर जा कर तुझे शीश झुकाते,
गणपति गणेश जय जय गौरी के लाला,
प्रथम मनाऊँ तुझे दीन दयाला।