चतुर्थ ‘कूषमांडा सुखधाम’ – माँ कूष्मांडा

माँ कूष्मांडा

कूषमांडा जै जग सुखदानी ।मुझ पर दया करो महारानी।

पिंगला ज्वालामुखी निराली । शाकम्बरी मां भोली भाली ।

लाखों नाम निराले तेरे । भक्त कई मतवाले तेरे।

भीमा पर्वत पर है डेरा । स्वीकारो प्रणाम ये मेरा ।

सब की सुनती हो जगदम्बे । सुख पहुंचाती हो मां अम्बे।

तेरे दर्शन का मैं प्यासा । पूर्ण कर दो मेरी आशा ।

मां के मन में ममता भारी।क्यों न सुनेगी अरज हमारी।

तेरे दर पर किया है डेरा।दूर करो मां संकट मेरा।

मेरे कारज पूरे कर दो।मेरे तुम भण्डारे भर दो ।

तेरा दास तुझे ही ध्याए । ‘चमन’ तेरे दर सीस झुकाए ।

पांचवी देवी असकन्ध माता – माँ स्कंदमाता 

चमन की श्री दुर्गा स्तुति

श्री दुर्गा स्तुति अध्याय

महा चण्डी स्तोत्र
महा काली स्तोत्र
नमन प्रार्थना
माँ जगदम्बे जी आरती
महा लक्ष्मी स्तोत्र
श्री संतोषी माँ स्तोत्र
श्री भगवती नाम माला
श्री चमन दुर्गा स्तुति के सुन्दर भाव
श्री नव दुर्गा स्तोत्र – माँ शैलपुत्री
दूसरी ब्रह्मचारिणी मन भावे – माँ ब्रह्मचारिणी
तीसरी ‘चन्द्र घंटा शुभ नाम –  माँ चंद्रघण्टा
चतुर्थ ‘कूषमांडा सुखधाम’ – माँ कूष्मांडा
पांचवी देवी असकन्ध माता – माँ स्कंदमाता 
छटी कात्यायनी विख्याता – माँ कात्यायनी
सातवीं कालरात्रि महामाया – माँ कालरात्रि
आठवीं महागौरी जगजाया – माँ महागौरी
नौवीं सिद्धि धात्री जगजाने – माँ सिद्धिदात्री
अन्नपूर्णा भगवती स्तोत्र

Leave a Comment