जब जब मेरा मन घबराता मुझे कुछ भी समझ नही आता
जब जब मेरा मन घबराता,
मुझ कुछ भी समझ नहीं आता,
अपनों का ना में सुहाना,
में उनपे बोझ बन जाता,
ये आता है श्याम मेरा आता है,
आके मुझे गले लगाता है ||
जीवन की ये बगिया,
मेरे श्याम ने ही है खिलाई,
हर सुख दुःख में मुझको,
पड़ता यही दिखाई,
सुख बढ़ चढ़ साथ निभाता,
दुःख द्वार खड़ा रह जाता,
मेरा श्याम खड़ा मुस्काता,
में झूम झूम कर गाता,
ये आता है श्याम मेरा आता है,
आके मुझे गले लगाता है ||
जिसको ना हा भरोसा,
वो करके भरोसा देखे,
उसकी नाव ना डूबे,
उसे श्याम ही आकर खेते,
झट नाव किनारे लगती,
हर उलझी गाँठ सुलझती,
फिर बात कभी ना बिगड़ती,
बिगड़ी किस्मत भी संवरती,
ये आता है श्याम मेरा आता है,
आके मुझे गले लगाता है ||
कलयुग इनका प्यारे,
तू भी इनका हो जा,
सोप के इनको नैया,
इनकी शरण में हो जा,
आनंद ऐसा आएगा,
तू कभी ना भरमाएगा,
पाकर के श्याम की मस्ती,
तू झूम झूम गाएगा,
ये आता है श्याम मेरा आता है,
आके मुझ गले लगाता है।॥
जब जब मेरा मन घबराता,
मुझे कुछ भी समझ नहीं आता,
अपनों को ना में सुहाता,
मैं उनप बोझ बन जाता,
ये आता है श्याम मेरा आता है,
आके मुझे गले लगाता है ।।