ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो लिरिक्स

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आये जो दिन दुखी सब को गले से लगाते चलो

जिसका ना कोई संगी साथी ईश्वर है रखवाला
जो निर्धन है जो निर्वल है वो है सबका प्यारा
प्यार के मोती लुटाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो

आशा टूटी ममता रूठी टूट गया है किनारा
बंद करो मत द्वार दया का दे दो नाथ सहारा
दीप दया का जलाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो

कौन है ऊँचा कौन है निचा सबमे वही है समाया
भेद-भाव के झूठे भरम में ये मानव भरमाया
धर्म ध्वजा फहराते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो

सारे जग के कण कण में है दिव्य अमर एक आत्मा
एक ब्रम्ह है एक सत्य है एक ही है परमात्मा
प्राण से प्राण मिलाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा वहाते चलो
राह में आये जो दिन दुखी सब को गले से लगाते चलो

Shri Ram Stuti -श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन- श्री राम स्तुति

Shukar dateya tera shukar dateya

ज्योत से ज्योत जगाते चलो pdf

Leave a Comment