झोलिया भर दो ओ खाटू वाले तेरे दर से ना जाऐगें खाली

झोलिया भर दो ओ खाटू वाले

झोलिया भर दो ओ खाटू वाले
तेरे दर से ना जाऐगें खाली

तेरे सिर पर पर मुकुट सज रहा है
जो की कृष्ण ने तुमको दिया है
कर दो कर दो मेहर खाटू वाले
तेरे दर से रह जाएगी खाली
झोलिया भर ओ खाटू वाले
तेरे दर से डर जाएगी

तेरे अंगों पर वस्त्र सज रहा है
राधा रानी ने तुमको दिया है
कर दो कर दो मेहर खाटू वाले
तेरे दर से डर जाएगी खाली…

तेरा सोलह श्रृंगार सज रहा है
तेरी जननी ने तुझको दिया है
कर दो मेहर खाटू वाले
तेरे दर से ना जाएगा खाली

झोलिया भर दो ओ खाटू वाले
तेरे दर से ना जाऐगें खाली…



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