नौवीं सिद्धि धात्री जगजाने – माँ सिद्धिदात्री

माँ सिद्धिदात्री

माँ सिद्धिदात्री

माँ सिद्धिदात्री

जै सिद्धि धात्री मां तू सिद्धि की दाता । तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता ।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि। तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम। जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

तेरी पूजा मे तो न कोई विधि है।तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो । तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो ।

तू सब काज उसके करती हो पूरे । कभी काम उस के रहे न अधूरे।

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह मायां। रखें जिसके सिर पर मैय्या अपनी छाया।

सर्वसिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा। महा नन्दा मन्दिर में है वास तेरा।

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता । ‘चमन’ है सवाली तू जिसकी दाता।

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