पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे लिरिक्स

पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे

डगर ये अगम अनजानी, पथिक मै मूड अज्ञानी,
संभालोगे नहीं राघव, तो कांटे चुभ जाएँगे,
पकड़ लो, बाँह रघुराई, नहीं तो डूब जाएँगे….

नहीं बोहित मेरा नौका, नहीं तैराक मै पक्का,
कृपा का सेतु बंधन हो, प्रभु हम खूब आएँगे,
पकड़ लो, बाँह रघुराई, नहीं तो डूब जाएँगे….

नहीं है बुधि विधा बल, माया में डूबी मती चंचल,
निहारेंगे मेरे अवगुण तो, प्रभु जी ऊब जाएँगे,
पकड़ लो, बाँह रघुराई, नहीं तो डूब जाएँगे….

प्रतीक्षारत है ये आँगन, शरण ले लो सिया साजन,
शिकारी चल जिधर प्रहलाद, जी भूल जाएँगे,
पकड़ लो, बाँह रघुराई, नहीं तो डूब जाएँगे,
नहीं तो डूब जाएँगे, नहीं तो डूब जाएँगे…

जन्मो से भटकी हुयी नाव को आज किनरा मिल गया लिरिक्स

मेहरा वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोल लिरिक्स

पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे pdf

Leave a Comment