राम शरण में आजा तू भी ईर्ष्या सारी छोड़ दे
राम शरण में आजा तू भी,
ईर्ष्या सारी छोड़ दे,
जीवन सफल जो करना है तो,
राम से नाता जोड़ ले,
जीवन सफल जो करना है तो,
राम से नाता जोड़ ले ।।
बैर जो पालोगे रघुवर से,
हाथ ना कुछ भी आएगा,
मेरा मेरा जिसको करता,
तेरे हाथ से जाएगा,
भाई सगे हो या हो बेटे,
चल देंगे सब छोड़ के,
जीवन सफल जो करना है तो,
राम से नाता जोड़ ले ।।
लौटा दे माँ सीता को तू,
क्षमा तुझे मिल जाएगी,
वरना तेरी करनी की फिर,
सजा तुझे तड़पाएगी,
अब भी समय है,
संभल जा पगले,
मन को राम में मोड़ ले,
जीवन सफल जो करना है तो,
राम से नाता जोड़ ले ।।
राम है मेरे बड़े दयालु,
तुझको भी अपना लेंगे,
दिल से गया जो हरि शरण में,
भूल तेरी बिसरा देंगे,
भव से पार जो लगना है तो,
अहम को अपने तोड़ दे,
जीवन सफल जो करना है तो,
राम से नाता जोड़ ले ।।