श्री नव दुर्गा स्तोत्र – माँ शैलपुत्री स्तोत्रं

पहली शैलपुत्री कहलावे – माँ शैलपुत्री

शैल पुत्री मां बैल असवार । करें देवता जय जय कार ।

शिव शंकर की प्रिय भवानी । ‘तेरी महिमा किसी न जानी।

पार्वती तू उमा कहलावे। मन लालजो तुझे सिमरे सो सुख पावे।

मन ऋद्धि सिद्धि परवान करे तू। करे धनवान करे तू।

दयासोमवार को शिव संग प्यारी ।कमीकोईआरती तेरी जिसने उतारी।

उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो।

रुद्राक्षघी का सुन्दर दीप जलाकें गोला गरी का भोग लगा के ।

श्रद्धा भाव से मन्त्र गाये।जपेप्रेम सहित फिर शीश झुकाये ।

जय गिरिराज किशोरी अम्बे। शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे।

ब्रह्मचमनो कामना पूर्ण कर दो। ‘चमन’ सदा सुख सम्पति भर दो।

चमन की श्री दुर्गा स्तुति

श्री दुर्गा स्तुति अध्याय

महा चण्डी स्तोत्र
महा काली स्तोत्र
नमन प्रार्थना
माँ जगदम्बे जी आरती
महा लक्ष्मी स्तोत्र
श्री संतोषी माँ स्तोत्र
श्री भगवती नाम माला
श्री चमन दुर्गा स्तुति के सुन्दर भाव
श्री नव दुर्गा स्तोत्र – माँ शैलपुत्री
दूसरी ब्रह्मचारिणी मन भावे – माँ ब्रह्मचारिणी
तीसरी ‘चन्द्र घंटा शुभ नाम –  माँ चंद्रघण्टा
चतुर्थ ‘कूषमांडा सुखधाम’ – माँ कूष्मांडा
पांचवी देवी असकन्ध माता – माँ स्कंदमाता 
छटी कात्यायनी विख्याता – माँ कात्यायनी
सातवीं कालरात्रि महामाया – माँ कालरात्रि
आठवीं महागौरी जगजाया – माँ महागौरी
नौवीं सिद्धि धात्री जगजाने – माँ सिद्धिदात्री
अन्नपूर्णा भगवती स्तोत्र

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