श्री राम जी के चरणों में मन को लगा ले रे,
तेरी किस्मत के,ताले खुल जाएंगे,
ध्यान में उनके तू,खुद को भुला ले रे,
तेरी किस्मत के,ताले खुल जाएंगे।।
काहे को बैठा तू,जीवन से तू रे भैया,
होके लाचार, हिम्मत ना हार, रघुनन्दन के गुणगान जरा,
तू भी तो गुनगुना ले रे, तेरी किस्मत के,ताले खुल जाएंगे।।
काहे को बैठा तू,जीवन से तू रे भैया,
होके लाचार, हिम्मत ना हार, रघुनन्दन के गुणगान जरा,
तू भी तो गुनगुना ले रे, तेरी किस्मत के,ताले खुल जाएंगे।।
शबरी ने तो केवल,नाम जपा था,
यज्ञ हवन ना कोई, दान किया था,
‘नीरज’ तू भी क्यों ना यही, विधि अपना ले रे,
ताले खुल जाएंगे , तेरी किस्मत के,
श्री राम जी के चरणों में, मन को लगा ले रे,
तेरी किस्मत के, ताले खुल जाएंगे,
ध्यान में उनके तू, खुद को भुला ले रे,
तेरी किस्मत के,ताले खुल जाएंगे।।