हर हर शिव शंकर नीलकंठ
जटाटवी गलज्जल
प्रवाह पावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां
भुजंगतुंग मालिकाम्..
डमड्डमड्डमड्डु
मन्निनाद वड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं
तनोतु नः शिवः शिवम्..
आ हर हर शिव शंकर
नीलकंठ गंगाधर
आये शरणम तिहारे..
ज्ञान ऐसा विशाल
बैठे हो मृगनैन
छाये माथे चंद्र विराजे..
तन्ना ना ना.. तंत्रा न्त्रान्त्रा
तन्त्रা না না..
ना ना ना..
जटाकटा हसंभ्रम
भ्रमन्निलिंपनिर्झरी
विलोलवीचिवल्लरी
विराजमानमूर्धनि..
धगद्धगद्धगज्ज्वल
ल्ललाटपट्टपावके
किशोर चंद्रशेखरे
रतिः प्रतिक्षणं मम…
धराधरेंद्रनंदिनी
विलासबन्धुबन्धुर
स्फुरद्दिगंतसंतति
प्रमोद मान मानसे…
कृपाकटाक्ष धोरणी
निरुद्ध दुर्धरापदि
क्वचिद्विगम्बरे मनो
विनोदमेतु वस्तुनि..
जटा भुजंगपिंगल
स्फुरत्फणा मणिप्रभा
कदंब कुंकुमद्रव
प्रलिप्तदिग्व धूमुखे..
मदांधसिंधुर
स्फुरत्व गुत्तरीयमेदुरे
मनोविनोदद्भुतं
बिंभर्तु भूतभर्तरि..
आ हर हर शिव शंकर
कालकंठ डमरूधारी
काशी कैलाशवासी..
मृत्युंजय भूतनाथ
दानी अवधर हो
दर्शन कल्याणकारी
तन्ना ना ना.. तन्त्रात्रा त्रा
तन्ना ना ना.. नान्नाना..
सहस्रलोचन प्रभृत्य
शेषलेखशेखर
प्रसून धूलिधोरणी
विधू सरांघ्रिपीठभूः .
भुजंग राजमालया
निबद्ध जाटजूटकः
श्रियै चिरायजायतां
चकोर बंधुशेखरः..
ललाट चत्वरज्वल
द्धनंजय स्फुलिंगभा
निपीतपंच सायकं
नमन्निलिंपनायकम्..
सुधामयू खलेखया
विराजमान शेखरं
महाकपालि संपदे
शिरोजटालमस्तुनः
करालभाल पट्टिका
धगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनंजया धरीकृत
प्रचंड पंचसायके…
धराधरेंद्रनंदिनी
कुचाग्र चित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनी
त्रिलोचने रतिर्मम..
करालभाल पट्टिका
धगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनंजया धरीकृत
प्रचंड पंचसायके…
धराधरेंद्रनंदिनी
कुचाग्र चित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनी
त्रिलोचने रतिर्मम..
ॐ नम शिवाय
ॐ नम शिवाय..
ॐ नम शिवाय
ॐ नम शिवाय..
नवीन मेघमंडली
निरुद्ध दुर्धरस्फुर
क्कु हुनिशीथनीतमः
प्रबद्ध बद्धकन्धरः
निलिम्प निर्झरीधर
स्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कला निधानबंधुरः
श्रियं जगंधुरंधरः …
आ हर हर शिव शंकर
तीव्रकण्ठ प्रलयंकर
विश्वनाथ स्वामी अवतारी..
भर देते हैं भण्डार
प्रभु खुशियों से
आशुतोष शंभु अविकारी..
तन्त्रा ना ना.. तत्रा न्त्रान्त्रा तन्त्रা
পা পা..
ना ना ना..
प्रफुल्ल नीलपंकज
प्रपंचकालिम प्रभा
विडंबि कंठकंधरा
रुचि प्रबंधकंधरम्..
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं
भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छि दांधकच्छिदं
तमंत कच्छिदं भजे.
अखर्व सर्वमंगला
कलाकदम्ब मंजरी
रसप्रवाह माधुरी
विजृभणा मधुव्रतम्..
स्मरांतकं पुरातकं
भवांतकं मखांतकं
गजांत कांधकांतकं
तमंत कांतकं भजे..
जयत्वद भ्रविभ्रम
भ्रमद्भुजंगमस्फुर
द्धगद्धगद्विनिर्गम
त्करालभाल हव्यवाट्..
धिमिद्धि मिद्धि
मिध्वनन्मृदंग तुंगमंगल
ध्वनिक्रमप्रवर्तितः
प्रचण्ड ताण्डवः शिवः
आ हर हर शिव शंकर
कलकंठ तूणीधर
परमेश्वर तारणहारी..
शरणगत के पापो
का नश करते हो
नटराजा पालनहारी..
नात्रा ना.
दृषद्विचित्रतल्पयो
भुजंगमौक्तिकमस्रजो
गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः
सुहृद्विपक्षपक्षयोः
तृणारविंद चक्षुषोः
प्रजामही महेन्द्रयोः
सम प्रवृत्तिकः कदा
सदाशिवं भजाम्यहम्..
कदा निलिंपनिर्झरी
निकुंज कोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः
सदा शिरः स्थमंजलिं वहन्..
विमुक्त लोल लोचनो
ललामभाल लग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन्
कदा सुखी भवाम्यहम्..
स्तवं इदमहि नित्यमेव मुक्त
मुक्तमोत्तम
पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो
विशुद्धमेति संततम्..
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु
याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां
सुशङ्करस्य चिंतनम्..
आ हर हर शिव शंकर
मधुकंठ महिमाधर
तीनो लोकों के स्वामी..
मन की हर दशा को
आप जानते हो शिव
शिव दाता सर्वज्ञानी..
ॐ नम शिवाय
नम शिवाय..
ॐ नम शिवाय
ॐ नम शिवाय..
तन्ना ना ना.. तन्त्रान्त्रा त्रा
বঙ্গা পা পা..
ना ना ना..
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