आरतियाँ
- jai ambe gauri aarti
- mangal ki sewa aarti
- shankar ji ki aarti
- Shri yamuna ji ki aarti
- shri ganga maiya ki aarti
- shri shaligram ji ki aarti
- om jai jagdish hare aarti
- Shri triveni ji ki aarti ! Ganga Aarti – Prayagraj
- shri tulsi mata ki aarti
मंगल की सेवा
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,पान सुपारी ध्वजा नारियल,ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,संतन के भडांर भरे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,जय काली कल्याण करे ।
बुद्धि विधाता तू जग माता,मेरा कारज सिद्ध करे,चरण कमल का लिया सहारा,शरण तुम्हारी आन पड़े ।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर,तब तब आय सहाय करे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,जय काली कल्याण करे ।
गुरु के वार सकल जग मोहयो,तरूणी रूप अनूप धरे,माता होकर होकर पुत्र खिलावे,कही भार्या भोग करे ।
शुक्र सुखदाई सदा सहाई,संत खड़े जयकार करे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,जय काली कल्याण करे ।
ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,भेट देन तेरे द्वार खड़े,अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,सिर सोने का छत्र फिरे ।
वार शनिचर कुमकुम बरणी,जब लुकड़ पर हुकुम करे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,जय काली कल्याण करे।
खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये,रक्त बीज को भस्म करे,शुम्भ निशुम्भ को क्षण में मारे,महिषासुर को पकड दले ।आदित वारी आदि भवानी,जन अपने को कष्ट हरे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,जय काली कल्याण करे ।
कुपित होयकर दानव मारे,चण्डमुण्ड सब चूर करे,जब तुम देखी दया रूप हो,पल में सकंट दूर करे ।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,जन की अर्ज कबूल करे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,जय काली कल्याण करे
सात बार की महिमा बरनी,सब गुण कौन बखान करे,सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,अटल भवन में राज करे ।
दर्शन पावे मंगल गावे,सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,जय काली कल्याण करे ।
ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,शिव शंकर हरी ध्यान धरे,इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती,चंवर कुबेर डुलाय रहे ।
जय जननी जय मात भवानी,अटल भवन में राज करे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,जय काली कल्याण करे
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,संतन के भडांर भरे,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
जय अम्बे गौरी
जय अम्बे जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी,तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी,ॐ जय अम्बे गौरी
मांग सिंदूर विराजित,टीको जगमग तो,मैया टीको जगमग तो
उज्ज्वल से दोउ नैना,उज्ज्वल से दोउ नैना,चंद्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै,मैया रक्ताम्बर राजै
रक्तपुष्प गल माला,रक्तपुष्प गल माला,कंठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत,खड्ग खप्पर धारी,मैया खड्ग खप्पर धारी
सुर नर मुनिजन सेवत,सुर नर मुनिजन सेवत,तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती,मैया नासाग्रे मोती
,कोटिक चंद्र दिवाकर,कोटिक चंद्र दिवाकर,सम राजत ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
शुंभ निशुंभ बिदारे महिषासुर घाती,मैया महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना,धूम्र विलोचन नैना,निशदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे,मैया शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे,मधु कैटभ दोउ मारे,सुर भयहिन करे
ॐ जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी,मैया तुम कमला रानी
अगम निगम बखानी,अगम निगम बखानी,तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरों,मैया नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंगा,बाजत ताल मृदंगा,ओर बाजत डमरू
ॐ जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता,मैया तुम ही हो भरता
भक्तन की दुख हरता,भक्तन की दुख हरता,सुख संपति करता
ॐ जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित वर-मुद्रा धारी,मैया वर मुद्रा धारी
मनवांछित फल पावत,मनवांछित फल पावत,सेवत नर नारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती,मैया अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत,श्रीमालकेतु में राजत,कोटि रतन ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
श्री अम्बे जी की आरती,जो कोई नर गावे,मैया जो कोई नर गावे
कहते शिवानंद स्वामी,कहते शिवानंद स्वामी,सुख सम्पति पावे
ॐ जय अम्बे गौरी,जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी