
आ लौट के आजा भोलेनाथ तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
तेरा सुना पड़ा रे कैलाश
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
अंगो पे विभूति गले में माला
पहने है शंकर भोला
तुम हो सबका पालन हार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
माथे पे चंदा जटा में गंगा
जटा से बहती धारा
सबका करता तू बेडा पार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
हाथो में डमरू पास में त्रिशूल
नंदी पे करता सवारी
सबका तू है पालनहार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
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