क्या वो करेगा लेके चढावा लिरिक्स
क्या वो करेगा लेके चढ़ावा,
सब कुछ त्याग के बैठा कहीं,
भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता,
गुण देखे गुणगान नहीं
मैं कहता नहीं श्रद्धा है बुरी,
पर करम तराजू धरम वही,
भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता,
गुण देखे गुणगान नहीं ।
माला फेरत जुग भया,
फिरा ना मन के फेर,
कर का मन का डारी दे,
मन का मन का फेर
कबीर कहते हैं की,
नहाये धोये क्या हुआ,
जब मन का मैल ना जाए,
मीन सदा जल में रहें,
धोये बास ना जाये
तू मंदिर मंदिर फिर आया,
तू नाम मंत्र सब जप आया,
जीवन में अब भी ना है सुकून,
भोले का मन में वास नहीं
क्यूँ मन मंदिर तेरा खाली है,
क्यूँ मन मंदिर तेरा खाली है,
क्यूँ खाली खुद में झाक कभी,
भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता,
गुण देखे गुणगान नहीं
मैं कहता नहीं श्रद्धा है बुरी,
पर करम तराजू धरम वही,
भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता,
गुण देखे गुणगान नहीं ।
भोले…भोले….
भोले का ये बस नाम जपे,
अरे बन भोले सा कभी मन मेरे,
भेद नहीं करता किसी में,
इसके सारे अपने जग में ।
ये भोला है भंडारी है,
इसे पूरी दुनिया प्यारी है,
देवो का दानव का भी,
इसके मन भेद का भाव नहीं ।
श्रद्धा नहीं देखेगा तेरी,
श्रद्धा नहीं देखेगा तेरी,
जब मन ही तेरा साफ़ नहीं,
भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता,
गुण देखे गुणगान नहीं ।
भोला ध्यान में मगन लगे,
नहीं देख रहा ये सोच नहीं,
भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता,
गुण देखे गुणगान नहीं ।
मैं कहता नहीं श्रद्धा है बुरी,
पर करम तराजू धरम वही,
भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता,
गुण देखे गुणगान नहीं ।
भोला भोला करे,
अरे बन कभी भोले सा,
ओ मेरे मन, बावरे मन
भस्म लगाये, भांग चड़ाए,
बीच समाधि, बैठा मौन है,
बंद है आंखें, देख रहा सब,
जाने वो कैसा, कैसा कौन है,
जाने वो कैसा, कैसा कैसा,
जाने वो कैसा, कैसा कौन है ।
क्या वो करेगा लेके चढ़ावा,
क्या वो करेगा लेके चढ़ावा,
सब कुछ त्याग के बैठा कहीं,
भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता,
गुण देखे गुणगान नहीं।