जहाँ ले चलोगे वही मैं रहूंगा
जहाँ ले चलोगे वही मैं रहूंगा
जहाँ नाथ रख लोगे वहीं मैं रहूँगा।
न कोई उलाहना, न कोई अर्जी,
कह लो करा लो, जो तेरी मर्जी,
जो कुछ भी कहना होगा, तुम्हीं से कहूँगा।
जहाँ ले चलोगे। …
यह जीवन समर्पित चरणों में तुम्हारे
तुम्ही हो रघुपत राम हमारे
तुम्हे छोड़ कर फरियाद किस को कहूँगा
जहाँ ले चलोगे। ..
जहाँ दोगे रोना, खुशी से रोऊँगा
तुम्हारी बातें दिन रात करूंगा
दयनिधि तुझे याद करता रहूँगा।
जहाँ ले चलोगे। ….