भोलेनाथ नाथ नाथ -गिरते हुए मुझको मेरे शंकर ने बचा लिया

भजन – भोलेनाथ नाथ नाथ

ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय..

गिरते हुए मुझको मेरे शंकर ने बचा लिया इतनी औकात ना मेरी गले से लगा लिया,

ओम नमः शिवाय,
ओम नमः शिवाय,

गिरते हुए मुझको मेरे शंकर ने बचा लिया इतनी औकात ना मेरी गले से लगा लिया,
माटी का पुतला हूं मैं माटी में मिल जाऊंगा,
जब तक यह साँस चलेगी भोलेनाथ गाऊंगा,

तूने जब से थामा है बाबा मेरा हाथ,
जो अपने पराए थे देने लगे साथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,


मेरा शंकर डमरू वाला,
मेरा शिवजी भोला वाला,
वो प्रेम करें हम सब से,
भोला है यह मतवाला,
मेरा शंकर डमरू वाला,
मेरा शिवजी भोला वाला,
वो प्रेम करें हम सब से,
भोला है यह मतवाला

उसकी नाव ना डूबती, जिस पर भोले का हाथ
जितना शंकर मुझे दे दिया इतनी वी ना औकात,
मेरे शंकर डमरू वाले गजब है तेरी बात,
और क्या मांगू शंकर से बस बना रहे ये साथ,

भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,

शहर शहर में गांव गांव में,
बाबा तेरा नाम है,बाबा तेरा नाम है,
जिधर भी देखूं तु ही रवा है,
बाबा तू महान है बाबा तू महान है
सब के संकट हरने वाले महिमा अपरंपार है
हर हर महादेव जो बोले,
कलयुग से वो पार है,

भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,

शंभू रे….
शंभू रे… l
पर्वत के ऊपर बैठा, साधुओं के भेष में,
मनमौजी शंकर रहता, अपने ही देश में,
पर्वत के ऊपर बैठा, साधुओं के भेष में,
मनमौजी शंकर रहता, अपने ही भेष में,
जग से निराला शंभू, मैं मत वाला शंभू,
मैं मत वाला शंभू भोलेनाथ का,

भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
भोले नाथ नाथ नाथ शंभू नाथ नाथ नाथ,
हाय मेरे भोले… तू ही तो है मेरा साथ …
यह मन मेरा बोले जय हो तेरी दीनानाथ…

हाय मेरे भोले… तू ही तो है मेरा साथ …
यह मन मेरा बोले जय हो तेरी दीनानाथ…ll

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