हे माँ मति दे और भले कुछ दे या ना दे
हे माँ मति दे..
और भले कुछ दे या ना दे
आँखों में शुभ दर्शन पाऊ मै
तेरा रूप निहारु ममै
धर्म जगा दे धर्म चारिणी
हे नंदा माँ नन्द स्वरूपिणी
धारिणी धैर्य जगादे
और भले कुछ दे या ना दे
हे माँ मति दे..
परमार्थ का अर्थ दिलाना
है मजधार में पार लगाना
जगजननी तू लाज बचादे
और भले कुछ दे या ना दे
हे माँ मति दे….
हे माँ मति दे..
और भले कुछ दे या ना दे
आँखों में शुभ दर्शन पाऊ मैं
तेरा रूप निहारु ममै
मेरे हृदय का बाग खिला नाकोड़ा दरबार मिला लिरिक्स