छठा अध्याय माघ महात्म्य

छठा अध्याय माघ महात्म्य दत्तात्रेय ने कहा- हे राजन्! माघ महात्म्य का एक और प्राचीन इतिहास मैं तुमको सुनाता हूँ। पहले सतयुग में वैषध नगर में कुबेर के समान धनी हिमकुण्डल नामक एक वैश्य था । वह कुलीन, सत्क्रिया करने वाले ब्राह्मणों व देवताओं का पूजन करता था। वह खेती करता और गौ, भैस, घोड़ा … Read more

छठा अध्याय माघ महात्म्य

छठा अध्याय माघ महात्म्य दत्तात्रेय ने कहा- हे राजन्! माघ महात्म्य का एक और प्राचीन इतिहास मैं तुमको सुनाता हूँ। पहले सतयुग में वैषध नगर में कुबेर के समान धनी हिमकुण्डल नामक एक वैश्य था । वह कुलीन, सत्क्रिया करने वाले ब्राह्मणों व देवताओं का पूजन करता था। वह खेती करता और गौ, भैस, घोड़ा … Read more

पांचवाँ अध्याय माघ महात्म्य

पांचवाँ अध्याय माघ महात्म्य इतनी कथा कहकर थोड़ी देर शाँत रहने बाद वशिष्ठ जी ने कहा- हे राजन् ! भगवान् दत्तात्रेय से कार्तवीर्य ने माघ महात्म्य सुनने के लिए जो प्रयत्न किये थे, उनको मैं अब तुम्हें सुनाता हूँ ।उन दिनों भगवान दत्तात्रेय जी सह्य पर्वत पर निवास कर रहे थे, तब महिष्मती के राजा … Read more

चौथा अध्याय माघ महात्म्य

चौथा अध्याय माघ महात्म्य वशिष्ठ जी बोले- हे राजन् ! जब भृगु जी अपनी तपस्या में लीन थे तो विद्याधरों का एक दम्पति उनके पास पहुँचा। वे बहुत दुःखी थे और भृगु जी को अपनी कथा सुनाने आये थे। उन्होंने मुनि को श्रद्धापूर्वक प्रणाम किया और कहा- हे मुनिदेव ! इस दिव्य देह को पाकर … Read more

तीसरा अध्याय माघ महात्म्य

तीसरा अध्याय माघ महात्म्यराजा ने कहा- हे ब्राह्मण! भृगु ऋषि ने मणि पर्वत पर विद्याधरों को क्या उपदेश दिया था ? उन सबको जानने की मेरी बड़ी इच्छा है, सो कृपा कर मुझे सुनाये। वशिष्ठ जी बोले- हे राजन् ! एक समय बारह वर्ष तक वर्षा न होने से व सूखा के कारण प्रजा त्राहि-त्राहि … Read more

दूसरा अध्याय – माघ महात्म्य

दूसरा अध्याय – माघ महात्म्य सूत जी बोले- हे मुनिजनों! उस तपस्वी के उन वचनों को सुनकर राजा ने विनीत भाव से कहा- हे विप्र! मैं माघ मास के स्नान के फल को नहीं जानता हूँ। आप कृपा करके मुझसे विस्तारपूर्वक कहें। राजा के इन वचनों को… सूत जी बोले- हे मुनिजनों! उस तपस्वी के … Read more

पहला अध्याय – माघ महात्म्य

पहला अध्याय – माघ महात्म्य पहला अध्याय श्री नैमिषारण्य क्षेत्र में मुनिजनों ने परम भागवत श्री सूतजी से कहा- हे मुने! अब आप कृपा करके माघ मास की उस पवित्र कथा का वर्णन करें जो कि वशिष्ठ भगवान ने दिलीप से कहा था, जिससे प्राणी के समस्त पाप नष्ट होते हैं । हे देव! कृपा … Read more