पन्द्रहवाँ अध्याय माघ महात्म्य
पन्द्रहवाँ अध्याय माघ महात्म्य राजा कार्तवीर्य बोले-हे भगवन् आपने जो कहा है कि एक माघ स्नान से विकुण्डल पाप रहित हुआ और दूसरे माघ स्नान से स्वर्ग पहुँचा, स्वर्ग कैसे गया? कृपया मुझ से कहिये । दत्तात्रेय जी बोले- हे राजन् । जल को नारापण कहा जाता है, क्योंकि वह स्वभाव से निर्मल, पवित्र सफेद, … Read more