
तेरे दर को मै छोड कहा जाऊ माँ दूजा कोई द्वार
तेरे दर को मै छोड कहा जाऊ 
माँ दूजा कोई द्वार न दिखे,
अपना दुखडा मै किसको सुनाओ ॥
 माँ दूजा कोई द्वार न दिखे 
तेरे दर को मै छोड कहा जाओ,
 माँ दूजा कोई द्वार न दिखे,
इक आस मुझे तुमसे है मैया ॥
 टूटे कही न विश्वास मेरा मैया ॥ 
तेरे सिवा कहा झोली फैलाऊ
 माँ दूजा कोई द्वार न दिखे
 तेरे दर को मै छोड कहा जाऊ…
तेरे आगे मैने दामन पसरा है॥
मुझको ये मैया तेरा ही सहारा है ॥
 कहा जाऊ जहा जाके कुछ पाउ
 माँ दूजा कोई द्वार न दिखे
 तेरे दर को मै छोड कहा जाऊ…
मैं भी आया मैया बन के सवाली है ॥ 
तेरे दर से गया न कोई ख़ाली है। 
कैसे आज में निराश होंके जाऊ, 
माँ दूजा कोई द्वार न दिखे 
तेरे दर को मै छोड कहा जाऊ…
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