Siddhi Vinayak
सिद्धिविनायक मंदिर कहाँ स्थित है ?
सिद्धिविनायक मंदिर गणेश जी का एक हिंदू मंदिर है ।यह मंदिर महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित है ।इसकी गिनती देश के प्रसिद्ध मंदिरों में की जाती है। यह मंदिर 200 साल पुराना मंदिर है।
गणपति बप्पा के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग गणेश जी के दर्शन करने यहां आते हैं। भगवान गणेश विघ्नहर्ता है सारे विघ्नों का नाश करते हैं।
इनके आशीर्वाद से सारे कार्य सिद्ध होते हैं।भगवान गणेश रिद्धि सिद्धि दायक है ।इनकी पूजा आराधना से जीवन के सारे मनोरथ पूर्ण होते हैं ।कोई भी कार्य करने से पहले इनकी पूजा की जाती है।
भगवान गणेश जी अपने भक्तों के लिए सिद्धिविनायक रूप में यहां पर विराजमान है। सिद्धिविनायक मंदिर की गिनती भारत के अमीर मंदिरों में भी होती है।
क्योंकि यहां पर चढ़ावा बहुत चढ़ता है। यहां दर्शन के लिए बॉलीवुड, नेता और बड़े उद्योगपति भी आते हैं। खासकर गणेश चतुर्थी के दौरान यहां पर भक्तों का भारी जमावड़ा लगा रहता है। इस दौरान मंदिर में भव्य आयोजन किए जाते हैं ।
भगवान गणेश जी को सिद्धिविनायक क्यों कहते हैं
सिद्धिविनायक भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है ।जिसमें उनकी सूंड दाई और म मुड़ी होती है जानकारी के अनुसार ऐसी प्रतिमा वाले मंदिर सिद्ध पीठ कहलाते हैं इसीलिए उन्हें सिद्धिविनायक मंदिर की उपमा दी जाती है माना जाता है कि सिद्धिविनायक भक्तों द्वारा मांगी गई इच्छाओं को अवश्य पूरा करते हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण कब हुआ था ?
इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 को लक्ष्मण नाम के स्थानीय ठेकेदार द्वारा किया गया था। माना जाता है कि सिद्धिविनायक मंदिर की संरचना पहले काफी छोटी थी। प्रारंभिक संरचना सिर्फ ईटों से बनी थी। बाद में इस मंदिर का पुनः निर्माण कर मंदिर को बढ़ाया गया।
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सिद्धिविनायक मंदिर में कैसे पहुंचे
सबसे पहले मुंबई के लोकल ट्रेन लीजिए और दादर उतर जाइए दादर उतरने के बाद आप ओटो लीजिए।
ऑटो वाला आपसे 10 से ₹20 लेगा और आपको मंदिर तक छोड़ देगा।अगर आप पैदल छोड़कर जाएंगे तो आपको 15 मिनट लगेंगे
क्या सिद्धिविनायक मंदिर में mobile camera allowed है?
नहीं सिद्धिविनायक मंदिर में मोबाइल और कैमरा बिल्कुल भी अलाउड नहीं है । मोबाइल और कैमरा आपको बाहर ही लॉकर के अंदर रखना पड़ेगा और माथा टेकने के बाद आप अपने फोन को वापस ले सकते हैं।
क्या मंदिर के अंदर bags allowed है
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मंदिर में बैग ले जाने की अनुमति नहीं है। किसी भी तरह का बैग हो उसको बाहर ही जमा करवाना पड़ता है।
क्या मंदिर में कोई ड्रेस कोड (Dress code) है
नहीं इस मंदिर में कोई भी ड्रेस कोड नहीं है। परंतु इस मंदिर में सिर ढककर और पूरे कपड़े पहन कर अंदर आने की अनुमति दी जाती है
सिद्धिविनायक मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा
दरअसल यहां मंदिर के पास रोड चलने का कार्य चल रहा था और उसी वक्त खुदाई के दौरान हनुमान जी की यहां मूर्ति प्रकट हुई थी जिसे देखकर यहां काम करने वाले लोगों के होश उड़ गए जैसे तैसे काम करने वाले कर्मचारियों ने इस मूर्ति को निकालकर रोड के पास रख दिया।
जब वहां के स्थानीय लोगों ने देखा तो उन्होंने सिद्धिविनायक मंदिर के पंडितों को हनुमान जी की मूर्ति के बारे में बताया। मंदिर के पंडित भागे भागे यहां पर आए और पूरे सम्मान के साथ हनुमान जी की मूर्ति को मंदिर में ले गए। और यहां उनका अलग से एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया ।
तब से रोज यहां हनुमान जी की पूजा अर्चना और आरती की जाती है।
कैसा है सिद्धिविनायक का स्वरूप
सिद्धिविनायक जी की मूर्ति काले पत्थर से बनाई गई है। जिसकी सूंड दाएं तरफ है यहां भगवान गणेश जी अपने दोनों पत्नियाँ रिद्धि और सिद्धि के साथ विराजमान है। जो देखने में बहुत आकर्षक लगती हैं ।हर धर्म से जुड़े लोग यहां पर आकर माथा टेकते हैं ।यहां किसी तरह की कोई मनाही नहीं है ।इस मंदिर में मंगलवार को होने वाली आरती बहुत प्रसिद्ध है। यहां श्रद्धालुओं की लाइन 2 किलोमीटर लंबी होती है।
सिद्धिविनायक मंदिर में हर साल कितना चढ़ावा चढ़ता है
इस मंदिर में हर साल 100 से 150 मिलियन तक का चढ़ावा चढ़ता है।इस मंदिर की गिनती देश के सबसे अमीर मंदिरो से की जाती है।
मंदिर के अंदर चांदी के चूहे
चूहा गणेश जी की सवारी है इसीलिए इनको मूसे की सवारी भी कहा जाता है । मंदिर के अंदर भी दो चांदी के चूहे हैं। मान्यता है जो भी इन चूहों के कान में कहां जाता है वह आपका संदेश भगवान गणेश जी तक अवश्य पहुंचा देते हैं।
Siddhi Vinayak Temple Timing
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Kakad Aarti – 5.30 a.m. to 6.00 a.m.
Shree Darshan – 6.00 a.m. to 12.15 p.m.
Naivedhya – 12.15 p.m. to 12.30 p.m.
Shree Darshan – 12.30 p.m. to 7.20 p.m.
Aarti -Evening – 7.30 p.m. to 8.00 p.m
Shree Darshan – 8.00 p.m. to 9.50 p.m
Shejaarti – The last Aarti of the day before bedtime (night)
9.50 p.m. (The temple doors remain closed after shejaarti)
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