बारहवाँ अध्याय कार्तिक माहात्म्य
बारहवाँ अध्याय कार्तिक माहात्म्य यह कथा सुनकर राजा पृथु कहने लगे कि हे नारदजी! आपने कार्तिक माहात्म्य का बड़ा उत्तम फल कहा, अब कृपा करके तुलसी का माहात्म्य भी कहिए। यह सुनकर नारदजी कहने लगे कि हे राजा पृथु ! प्राचीनकाल में सह्यादि क्षेत्र में कर्वरीपुर में धर्मदत्त नाम वाला एक ब्राह्मण था । वह … Read more