बाईसवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य – shravan maas
बाईसवाँ अध्याय श्रावण महात्म्य ईश्वर ने कहा- हे मुनिसत्तम! सावन शुक्ल पक्ष चतुर्थी के रोज सब काम फलप्रद, संकट हरण होते हैं। हे देव! किस विधि से व्रत तथा पूजा कर? कब उद्यापन करें? यह सब मुझे सविस्तार कहें। ईश्वर ने कहा- चतुर्थी के रोज सुबह उठकर दन्तधावन आदि क्रिया को समाप्त कर, पुण्यदाता शुभ … Read more