shri ganga maiya ki aarti

ganga maiya ki aarti ओ३म जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता। चन्द्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता। शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता । ॐ.. पुत्र सागर के तारे, सब जग को ज्ञाता। तेरी कृपा दृष्टि मैया त्रिभुवन सुखदाता । ॐ.. एक बार जो … Read more

कलियुग से बचने के उपाय ! हरे कृष्ण हरे राम महामंत्र

कलियुग से बचने के उपाय कृते यद्धयायतो विष्णुं त्रेतायां यजतो मखैः । द्वापरे परिचर्यायां कलौ तद्धरिकीर्तनात् ॥ (श्रीमद् भागवतम् 12.3.52) जो फल सत्ययुग में विष्णु का ध्यान करने से त्रेतायुग में यज्ञ करने से तथा द्वापर युग में भगवान् के चरणकमलों की सेवा करने से प्राप्त होता है, वही कलियुग में केवल हरे कृष्ण महामंत्र … Read more

ग्रंथराज श्रीमद् भागवत की महिमा और रचना

ग्रंथराज श्रीमद् भागवत की महिमा श्रील व्यासदेव जो कि परम ज्ञानी ऋषि थे, उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से, युग के प्रभाव से प्रत्येक भौतिक वस्तु की अवनति को देखा। उन्होंने देखा कि किस प्रकार जनसामान्य की आयु कलियुग में क्षीण हो जाएगी और वे सद्गुणों के अभाव में अधीर रहेंगे। धरती भी बीते युगों की … Read more

श्री गौ चालीसा

श्री गौ चालीसा तैंतीस कोटि देवों का, गौ की देह में वास । रक्षा करती मातु सम, सबको तुमसे आस।। तव चरणन में तीर्थ सब, सेवन करते लोग। गौशालाएं तीर्थ हैं, करें ताप मिटें रोग।। जय जय जय गौमाता पावन । सुखदाता तुम दुःख नसावन।।।।। रूद्रों की तुम माँ कहलाती। वसुओं की बिटिया सुखदाती ।।2।। … Read more

shiv stuti in hindi

shiv stuti (श्री शिव स्तुति) श्री गिरजापति वंदिकर, चरण मध्य शिरणाय , कहत अयोध्यादास तुम, मो पर होय सहाय॥ नन्दी की सवारी नाग अंगीकार धारी।नित संत सुखकारी नीलकंठ त्रिपुरारी हैं। गले मुंडमाला धारी सिर सोहे जटाधारी । वाम अंग में बिहारी गिरिराज सुतवारी हैं। दानी बड़े भारी शेष शारदा पुकारी। काशीपति मदनारी कर त्रिशूल चक्र … Read more

shiv chalisa in hindi |शिव चालीसा |शिव स्तुति| श्री शिवाष्टक

shiv chalisa ।।दोहा।।श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥ मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग … Read more

Shri bankebihari ji ki katha – कैसे प्रकट हुए बांकेबिहारी जी

bankebihari ji ki katha | leela बाकें बिहारीजी की लीला और प्राकट्य वैश्य-आश्रम वृन्दावन में एक सन्त रहा करते थे । उनका नाम था- कल्याण जी । कल्याण जी श्रीबिहारी जी महाराज थे । उनके संपर्क में जो भी व्यक्ति आता था उसे भी वे श्रीविहारी जी परम भक्त महाराज के चरणाश्रित होने को प्रेरित … Read more

ganga sagar ! सारे तीर्थ अनेक बार, गंगासागर एक बार।

ganga sagar गंगासागर की महिमा गंगासागर हिन्दुओं का दुर्लभ तीर्थ है जहां पहुंचना आम आदमी के लिए आज भी सहज नहीं है किन्तु हिन्दुओं के लिए गंगासागर की तीर्थ यात्रा जीवन में एक बार अत्यन्त आवश्यक है। देवर्षि नारद ने महाभारत में युधिष्ठिर को गंगासागर का माहात्म्य बतलाते हुए कहा था कि ‘गंगासागर में एक … Read more

durga maa – माँ दुर्गा के नौ रूपों में नौ औषधियाँ

अष्टभुजा दुर्गा durga maa – माँ दुर्गा अनादि सर्वव्यापक शक्ति का प्रतीक है। मानव ने जबसे होश संभाला है वह शक्ति की खोज करता चला आया है। अथवा कह सकते है मनुष्य अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए शक्ति का उचित प्रयोग एवं आवाहन करता आया है। इसी जगदाधार शक्ति का पूजन आज भी … Read more

Shri hanuman chalisa ! powerful path

Shri hanuman chalisa सनातन धर्म में देवी- देवताओं की पूजा का प्रचलन तो है ही अपितु जिन भगवान के सेवकों को भी श्रद्धा भाव से पूजा जाता है उनमें अंजनि पुत्र हनुमान जी सर्वोपरि हैं। कई भक्तजन तो हनुमान जी के माध्यम से ही भगवान तक पहुंचना संभव मानते हैं। संभवतः यही कारण है कि … Read more