श्री कुबेर भण्डारी – जय जय जय श्री कुबेर भण्डारी

कुबेर भण्डारी चालीसा धन के स्वामी कुबेर कौन है और यह किसका अवतार है? भगवान श्री कृष्ण जी ने गीता में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यक्ष और राक्षसों के धन का स्वामी कुबेर में ही हूंँ। कुबेर जी धन के देवता है आर्थिक संकटों से छुटकारा पाने के लिए और धन की वृद्धि … Read more

श्री रामदेव चालीसा – द्वारकेश से आय कर, लिया मनुज अवतार

रामदेव चालीसा बाबा रामदेव जी राजस्थान के प्रसिद्ध देवता है ।रुणिचा (जैसलमेर) में बाबा जी का विशाल मंदिर है । रामदेव जी सद्भाव तथा अमन के प्रतीक है । बाबा जी का संबंध राज वंश से था लेकिन उन्होंने सारा जीवन शोषित गरीब और पिछड़े लोगों के बीच बिताया । बाबा रामदेव जी छुआछूत के … Read more

श्री गिरिराज चालीसा – जय हो जय बंदित गिरिराजा

श्री गिरिराज चालीसा एक भक्ति गीत है जो श्री गिरिराज पर आधारित है। श्री गिरिराज जी क्या है ? श्री गिरिराज जी साक्षात श्रीहरि हैं। इनका स्वरूप सच्चिदानंद है । यह ब्रजमंडल के मुकुट मणि है ब्रज वासियों का मान बढ़ाने वाले हैं । भगवान श्री कृष्ण का हृदय प्रवेश है और करोड़ों भक्तों की … Read more

श्री बालाजी चालीसा – जय हनुमान बालाजी देवा

बालाजी चालीसा चालीसा श्री बालाजी चालीसा एक भक्ति गीत है जो श्री बालाजी पर आधारित है। भगवान हनुमान का एक नाम बालाजी है। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म दिवस मनाया जाता है। वैसे वायु-पुराणादिकों के अनुसार कार्तिक की चौदस के दिन हनुमान जयन्ती अधिक प्रचलित है। इस दिन हनुमान जी को सजा … Read more

श्री परशुराम चालीसा – जय प्रभु परशुराम सुख सागर

परशुराम चालीसा वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी का जन्म हुआ था परशुराम जयंती अक्षय तृतीय के दिन ही मनाई जाती है। कलयुग में आज भी ऐसे चिरंजीवी देवता और महापुरुष है जो जीवित हैं। इन्हीं चिरंजीवीओं में भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी भी … Read more

श्री विश्वकर्मा चालीसा – विश्वकर्मा तव नाम अनूपा

विश्वकर्मा चालीसा चालीसा भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला वास्तुकार इंजीनियर माना जाता है। इनके पूजन को लेकर हिंदू धर्म में कई तरह की मान्यताएं हैं। कहते हैं निर्माण और सृजन के भगवान विश्वकर्मा जी देवता है। भगवान विश्वकर्मा जी के पिता वासुदेव जी और माता आंगीरसी थी । शास्त्रों में बताया गया है … Read more

श्री नवग्रह चालीसा – श्री सूर्य स्तुति प्रथमहि रवि

नवग्रह चालीसा चालीसा संपूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति पंच महाभूतों से हुई मानी जाती है एवं ग्रहों की मनुष्यों के साथ संबंधों की व्याख्या इसी आधार पर की जाती है। साधारणतया प्रत्येक अवस्था में मनुष्य इन ग्रहों की दशा से प्रभावित होता है, परन्तु जातक के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति उसे अत्यधिक प्रभावित करती … Read more

श्री भैरव चालीसा – जय डमरूधर नयन विशाला

भैरव चालीसा चालीसा भक्तजन जब वैष्णो देवी मां के दर्शन करने के लिए जाते हैं तो वापस लौटते समय भैरव बाबा के दर्शन के लिए जाते हैं। दरबार वैष्णो देवी से आधा किलोमीटर आगे भैरव मंदिर के लिए पक्की सीढ़ियां और कच्ची पगडंडी दोनों तरह का रास्ता बना है । कहते है – जब शक्ति … Read more

श्री बटुक भैरव चालीसा – जय जय श्रीकाली के लाला

बटुक भैरव चालीसा चालीसा सभी प्रकार के संकटों का निवारण करने के लिए बटुक भैरव भगवान की पूजा की जाती है कहते हैं जब देवताओं पर संकट पड़ा उनका संकट दूर करने के लिए बटुक भैरव जी ने अवतार लिया था । काली खंड में ऐसा बताया गया है कि भैरव जी का यह बटुक … Read more

ब्रह्मा चालीसा – जय जय कमलासान जगमूला

ब्रह्मा चालीसा भगवान ब्रह्मा जी का जन्म कैसे हुआ ? ब्रह्माजी कहते हैं- देवर्षे! जब नारायणदेव जलमें शयन करने लगे, उस समय उनकी नाभिसे भगवान् शंकरके इच्छावश सहसा एक उत्तम कमल प्रकट हुआ, जो बहुत बड़ा था। उसमें असंख्य नालदण्ड थे। उसकी कान्ति कनेर के फूलके समान पीले रंगकी थी तथा उसकी लम्बाई और ऊँचाई … Read more