shri ganesh ji aarti – जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

shri ganesh ji aarti ( श्री गणेश आरती ) जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, … Read more

Mahalaxmi ji ki aarti lyrics- जय लक्ष्मी माता

Mahalaxmi ji ki aarti (माँ लक्ष्मी आरती) ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता , ॐ जय लक्ष्मी माता-2 उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको … Read more

चिन्तपूरणी आरती लिरिक्स | Chintpurni Aarti

चिन्तपूरणी आरती जय चिन्तपूरणी माता,चिन्ता हरो दाता, जीवन में सुख दे दो,कष्ट हरो माता ( १ ) ऊँचा पर्वत तेरा, झण्डे झूल रहे, करें आरती सारे, मन में फूल रहे (२) सती के शुभ चरणों पर, मन्दिर है भारी, छिन्न मस्तिका कहते, सारे संसारी (३) माईदास एक ब्राह्मण, स्वप्न दरस दिये, पूजा पिण्डी ध्याकर, आनन्द … Read more

mangal ki sewa aarti lyrics

mangal ki sewa aarti माता रानी की यह आरती बहुत कृपा बरसाने वाली है। इस आरती से माँ बहुत जल्दी प्रसन्न होती है। इस आरती में माँ की महिमा के साथ साथ हमारी प्रार्थना भी है। इस आरती में माँ के संत रूप कभी वर्णन किया गया है। माँ भक्तो और संतो की देवी है। … Read more

shankar ji ki aarti | शंकर जी की आरती lyrics

shankar ji ki aarti जय शिव ओंकारा हरि शिव ओंकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा। (टेक) – एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे (जय० ) दो भुज चार चतुर्भुज भुज ते सोहे। तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जग मोहे ( जय० ) अक्ष माला वनमाला रुण्डमाला धारी चन्दन मृगमद सोहे भाले शशिधारी (जय० ) … Read more

shri shaligram ji ki aarti

shaligram ji ki aarti | श्री शालिग्राम की आरती शालिग्राम सुनो विनती मोरी यह वरदान दयाकर पाऊँ । प्रात समय उठि मज्जन करके प्रेम सहित स्नान कराऊँ । चन्दन धूप दीप तुलसीदल वरण-वरण के पुष्प चढ़ाऊँ ॥१॥ तुम्हरे सामने नृत्य करूं नित प्रभु घंटा शंख मृदंग बजाऊं। चरण धोय चरणामृत लेकर कुटुम्ब सहित बैकुण्ठ सिधाऊं … Read more

om jai jagdish hare aarti

om jai jagdish hare ओं जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे । भक्तजनों के संकट छिन में दूर करे ॥ ओं० १ जो ध्यावे फल पावे दुःख बिनसे मन का । सुख सम्पत्ति घर आवे कष्ट मिटे तन का ॥ ओं० २ मात पिता तुम मेरे शरण गहूँ किसकी । तुम बिन और न … Read more

Shri triveni ji ki aarti ! Ganga Aarti – Prayagraj

triveni ji ki aarti ! आरती श्री त्रिवेणी जी की ओं जय श्री त्रिवेणी ओं जय मां त्रिवेणी । तीरथराज प्रयाग प्रकाशनि सबको सुख देनी ॥ ओं गंगा जमुना प्रगट बहत मिलि, धन्य दोउ बहैनी । धारा गुप्त सरस्वती, सुगम स्वर्ग नसैनी ॥ १ ॥ अन्तरवेद शास्त्र शुचि महिमा, सत्य काल धैनी। पाप काटने भक्त … Read more

shri tulsi mata ki aarti

tulsi mata ki aarti जय जय तुलसी माता। सब जग की सुखदाता वरदाता ॥ जय० ॥ सब योगों के ऊपर सब रोगों के ऊपर । रुज से रक्षा, करके भव त्राता ॥ जय० ॥ बटु पुत्री हे श्यामा सुर बल्ली हे ग्राम्या । विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे सो नर तर जाता ॥ जय० ॥ … Read more

Shri yamuna ji ki aarti

Shri yamuna ji ki aarti ! आरती श्री यमुनाजी की ओ३म जय यमुना माता , हरि ओ३म् जय यमुना माता । जो नहावे फल पावे, सुख की दाता ॥ ओ३म० ।। श्री यमुना जल शीतल अगम बहे धारा । जा धन शरण से कर दिया निस्तारा ॥ ओ३म्॥ जो जन प्रात ही उठकर नित्य स्नान … Read more