कौन सा पुष्प किस देवता को चढ़ाया जाना चाहिए

कौन सा पुष्प किस देवता को चढ़ाया को चढ़ाये आइए जानें – प्रायः हर घर में किसी न किसी शुभ अवसर पर मांगलिक कार्य संपादित किए जाते हैं। मंदिरों में इष्टदेव की आराधना हो या पूजा या फिर वैदिक मंत्रों का पाठ, इन सब में फूलों को जरूर शामिल किया जाता है। इष्टदेव की पूजा … Read more

श्री श्याम चालीसा – श्याम श्याम भजि बारम्बारा

श्री श्याम चालीसा श्री श्याम चालीसा एक भक्ति गीत है जो श्री खाटू श्याम पर आधारित है। ॥ चौपाई ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा । सहज ही हो भवसागर पारा॥ इन सम देव न दूजा कोई। दीन दयालु न दाता होई॥ भीमसुपुत्र अहिलवती जाया । कहीं भीम का पौत्र कहाया॥ यह सब कथा सही कल्पान्तर … Read more

श्री बगलामुखी चालीसा

श्री बगलामुखी चालीसा चालीसा बगलामुखी चालीसा एक भक्ति गीत है जो बगलामुखी माता पर आधारित है। ॥ दोहा ॥ सिर नवाइ बगलामुखी, लिखूँ चालीसा आज । कृपा करहु मोपर सदा, पूरन हो मम काज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय श्री बगला माता । आदिशक्ति सब जग की त्राता॥ बगला सम तब आनन माता … Read more

अजा एकादशी- एकादशी महात्म्य

अजा एकादशी- एकादशी महात्म्य कुन्तीपुत्र युधिष्ठिर बोले – “हे जनार्दन ! भाद्रपद कृष्णा एकादशी का क्या नाम है तथा उसकी विधि और माहात्म्य क्या है ? सो सब विस्तारपूर्वक कहिये – “भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा- “हे युधिष्ठिर समस्त पापों का नाश करने वाली इस एकादशी का नाम अजा एकादशी है। इसके व्रत के पुण्य प्रभाव … Read more

पद्मा एकादशी- एकादशी महात्म्य

पद्मा एकादशी- एकादशी महात्म्य धर्मराज युधिष्ठिर बोले -” हे केशव आषाढ़ शुक्ला एकादशी का क्या नाम है? और उसमें किस देवता का पूजन किया जाता है तथा इसकी विधि क्या है? सो विस्तारपूर्वक कहिये । “श्रीकृष्ण कहने लगे- हे युधिष्ठिर ! एक समय नारदजी ने ब्रह्माजी से यही प्रश्न किया था। तब ब्रह्माजी ने उत्तर … Read more

पाँचवाँ अध्याय कार्तिक माहात्म्य

पाँचवाँ अध्याय कार्तिक माहात्म्य नारद जी कहने लगे कि हे ब्रह्मन्! कार्तिक मास का कोई अन्य सुन्दर व्रत कहिये। तब ब्रह्माजी कहने लगे कि हे पुत्र ! विधिवित् जो परम पवित्र और पापनाशक नक्त व्रत है, वह सौभाग्यवती स्त्री को अवश्य करना चाहिए। नारदजी ने प्रश्न किया कि हे ब्रह्मन् ! उस व्रत की क्या … Read more

सत्रहवाँ अध्यायं माघ महात्म्य

सत्रहवाँ अध्यायं माघ महात्म्य कार्तवीर्य ने पूछा-हे भगवान्! कांचनमालिनी और राक्षस कौन थे? कृपया उस इतिहास को आप बताइये । दत्तात्रेय जी बोले- राजन् ! विद्वान और ज्ञानी तथा धर्म जिज्ञासु को समस्त रहस्य बता देने चाहिये । यही उचित बात है। इस इतिहास को सुनने से अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है। परम … Read more

चौथा अध्याय माघ महात्म्य

चौथा अध्याय माघ महात्म्य वशिष्ठ जी बोले- हे राजन् ! जब भृगु जी अपनी तपस्या में लीन थे तो विद्याधरों का एक दम्पति उनके पास पहुँचा। वे बहुत दुःखी थे और भृगु जी को अपनी कथा सुनाने आये थे। उन्होंने मुनि को श्रद्धापूर्वक प्रणाम किया और कहा- हे मुनिदेव ! इस दिव्य देह को पाकर … Read more