तुलसी शालिग्राम – तुलसी महिमा शालिग्राम के महत्त्व का वर्णन

तुलसी शालिग्राम की कथा तुलसी शालिग्राम – नारद जी ने कहा: प्रभो! भगवान नारायण ने कौन-सा रूप धारण करके तुलसी से हास-विलास किया था ? यह प्रसंग मुझे बताने की कृपा करें। भगवान नारायण कहते हैं: नारद! भगवान श्री हरि देवताओं का कार्य-साधन करने के लिए वैष्णवी माया फैलाकर शंखचूड़ से कवच ले लिया। फिर … Read more

भगवती श्री दुर्गा पूजा कैसे करें

श्री दुर्गा पूजा विप्रवर! अब भगवती श्री दुर्गा पूजा का विधान सुनो, जिसके श्रवण मात्र से घोर मुसीबतें अपने आप भाग जाती हैं। नवाक्षर-मन्त्र अब इनके उत्तम नवाक्षर-मन्त्र का वर्णन करता हूं। सरस्वती बीज (ऐं), भुवनेश्वरी बीज (ह्रीं ) तथा कामबीज (क्लीं ) इन तीनों बीजों का आदि में क्रमशः प्रयोग करके ‘चामुण्डायै’ इस पद … Read more

भगवती श्री राधा रानी – रासमण्डल की रासेश्वरी देवी

श्री राधा भगवान नारायण कहते हैं : नारद! सुनो, मूलप्रकृतिस्वरूपिणी भगवती भुवनेश्वरी के सकाश से संसार की उत्पत्ति के समय दो शक्तियां प्रकट हुईं। श्री राधा भगवान श्री कृष्ण के प्राणों की अधिष्ठात्री देवी हैं तथा श्री दुर्गा उनकी बुद्धि की अधिष्ठात्री। ये ही दोनों देवियां सम्पूर्ण संसार को नियन्त्रण में रखती तथा प्रेरणा प्रदान … Read more

श्री सीता माता

जगज्जननी श्री सीता माता जी श्री सीता माता जी श्री सीता माता प्रेम की मूर्ति हैं और दया की समुद्र हैं। रामायण के अरण्यकाण्ड में जयन्त का प्रसंग आता है। जयन्त ने अपराध श्रीसीता माँ का ही किया परन्तु माताजी को उस पर दया आई। सन्त ऐसा मानते हैं कि जयन्त का अपराध अक्षम्य है, … Read more

jai ambe gauri aarti

jai ambe gauri aarti जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी,तुमको निशिदिन ध्यावततुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी,ॐ जय अम्बे गौरी मांग सिंदूर विराजित,टीको जगमग तो,मैया टीको जगमग तोउज्ज्वल से दोउ नैना,उज्ज्वल से दोउ नैना,चंद्रवदन नीकोॐ जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै,मैया रक्ताम्बर राजैरक्तपुष्प गल माला,रक्तपुष्प गल माला,कंठन पर साजैॐ जय अम्बे गौरी … Read more

shiv stuti in hindi

shiv stuti (श्री शिव स्तुति) श्री गिरजापति वंदिकर, चरण मध्य शिरणाय , कहत अयोध्यादास तुम, मो पर होय सहाय॥ नन्दी की सवारी नाग अंगीकार धारी।नित संत सुखकारी नीलकंठ त्रिपुरारी हैं। गले मुंडमाला धारी सिर सोहे जटाधारी । वाम अंग में बिहारी गिरिराज सुतवारी हैं। दानी बड़े भारी शेष शारदा पुकारी। काशीपति मदनारी कर त्रिशूल चक्र … Read more

durga maa – माँ दुर्गा के नौ रूपों में नौ औषधियाँ

अष्टभुजा दुर्गा durga maa – माँ दुर्गा अनादि सर्वव्यापक शक्ति का प्रतीक है। मानव ने जबसे होश संभाला है वह शक्ति की खोज करता चला आया है। अथवा कह सकते है मनुष्य अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए शक्ति का उचित प्रयोग एवं आवाहन करता आया है। इसी जगदाधार शक्ति का पूजन आज भी … Read more

श्री राम जन्म स्तुति लिरिक्स | भए प्रगट कृपाला

श्री राम जन्म स्तुति छं० – भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी मुनि मनहारी अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी । भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता । माया गुन ग्यानातीत अमाना बेद पुरान भनंता ॥ … Read more

माता रानी के भजन

माता रानी के भजन => आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है दे चरणा दा प्यार माए नई मैनु रखलें सेवादार सब तो वड्डी है मेरी मैया मेरी माँ का चोला हैं रंगला तेरी जय जय जय हो गणेश जी जे जीवन सफल बनाना ता बोलो जय … Read more

नवरात्र व्रत का हमारे जीवन में महत्व

नवरात्र व्रत नवरात्र व्रत – प्राचीनकाल से ही व्रत-त्यौहारों की विभिन्न प्रथाएं प्रचलित हैं। इन प्रथाओं के पीछे भी विशिष्ट कारण निहित होते हैं। देवी माता में विश्वास व श्रद्धावश व्रत रखने वालों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है किंतु इन त्यौहारों व इनमें निर्धारित आहार-विहार के आधार में विज्ञान छुपा है। इस … Read more