श्री विश्वकर्मा चालीसा – विश्वकर्मा तव नाम अनूपा

विश्वकर्मा चालीसा चालीसा भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला वास्तुकार इंजीनियर माना जाता है। इनके पूजन को लेकर हिंदू धर्म में कई तरह की मान्यताएं हैं। कहते हैं निर्माण और सृजन के भगवान विश्वकर्मा जी देवता है। भगवान विश्वकर्मा जी के पिता वासुदेव जी और माता आंगीरसी थी । शास्त्रों में बताया गया है … Read more

श्री नवग्रह चालीसा – श्री सूर्य स्तुति प्रथमहि रवि

नवग्रह चालीसा चालीसा संपूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति पंच महाभूतों से हुई मानी जाती है एवं ग्रहों की मनुष्यों के साथ संबंधों की व्याख्या इसी आधार पर की जाती है। साधारणतया प्रत्येक अवस्था में मनुष्य इन ग्रहों की दशा से प्रभावित होता है, परन्तु जातक के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति उसे अत्यधिक प्रभावित करती … Read more

श्री भैरव चालीसा – जय डमरूधर नयन विशाला

भैरव चालीसा चालीसा भक्तजन जब वैष्णो देवी मां के दर्शन करने के लिए जाते हैं तो वापस लौटते समय भैरव बाबा के दर्शन के लिए जाते हैं। दरबार वैष्णो देवी से आधा किलोमीटर आगे भैरव मंदिर के लिए पक्की सीढ़ियां और कच्ची पगडंडी दोनों तरह का रास्ता बना है । कहते है – जब शक्ति … Read more

श्री बटुक भैरव चालीसा – जय जय श्रीकाली के लाला

बटुक भैरव चालीसा चालीसा सभी प्रकार के संकटों का निवारण करने के लिए बटुक भैरव भगवान की पूजा की जाती है कहते हैं जब देवताओं पर संकट पड़ा उनका संकट दूर करने के लिए बटुक भैरव जी ने अवतार लिया था । काली खंड में ऐसा बताया गया है कि भैरव जी का यह बटुक … Read more

ब्रह्मा चालीसा – जय जय कमलासान जगमूला

ब्रह्मा चालीसा भगवान ब्रह्मा जी का जन्म कैसे हुआ ? ब्रह्माजी कहते हैं- देवर्षे! जब नारायणदेव जलमें शयन करने लगे, उस समय उनकी नाभिसे भगवान् शंकरके इच्छावश सहसा एक उत्तम कमल प्रकट हुआ, जो बहुत बड़ा था। उसमें असंख्य नालदण्ड थे। उसकी कान्ति कनेर के फूलके समान पीले रंगकी थी तथा उसकी लम्बाई और ऊँचाई … Read more

विष्णु चालीसा – नमो विष्णु भगवान खरारी

विष्णु चालीसा भगवान विष्णु जी का जन्म कैसे हुआ ? एक समय आनन्दवन में रमण करते हुए शिवा और शिव के मनमें यह इच्छा हुई कि किसी दूसरे पुरुषकी भी सृष्टि करनी चाहिये, जिसपर यह सृष्टि-संचालनका महान् भार रखकर हम दोनों केवल काशीमें रहकर इच्छानुसार विचरें और निर्वाण धारण करें। वही पुरुष हमारे अनुग्रहसे सदा … Read more

सूर्य देव चालीसा – जय सविता जय जयति दिवाकर

सूर्य देव चालीसा चालीसा माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी सूर्य सप्तमी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन सूर्य भगवान को गंगाजल से अर्घ्य देते हैं। दीपक, कपूर, धूप, लाल पुष्प आदि से सूर्य भगवान की स्तुति करते हैं। सूर्य की ओर मुख करके स्तुति करनी चाहिए। इससे शारीरिक चर्मरोग आदि विकार … Read more

राम चालीसा – श्री रघुबीर भक्त हितकारी

राम चालीसा चालीसा श्रीरामजी मर्यादापुरुषोत्तम हैं। रामजी एक भी मर्यादा को भंग करते नहीं, सनातन धर्म का दर्शन करना हो तो तुम रामजी का दर्शन करो। रामजी के चरित्र का मनन करो। सनातन धर्म- जैसा धर्म दूसरा हुआ नहीं और होगा भी नहीं। सनातन धर्म ईश्वर का स्वरूप है। धर्म साधन भी है और साध्य … Read more

गोपाल चालीसा – जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी

गोपाल चालीसा श्री कृष्ण भगवान का गोपाल नाम कैसे पड़ा ? भगवान् के अवतार के अनेक उद्देश्यों में गायों की पूजा एवं संरक्षण भी एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है, क्योंकि गायोंके अन्दर सभी देवताओंका निवास है। गाय सर्वदेवमयी है। गाय की पूजा से सभी देवताओंकी पूजा हो जाती है तथा उनका आशीर्वाद भी प्राप्त हो जाता … Read more

श्री हनुमान चालीसा – जय हनुमान ज्ञान गुण सागर

हनुमान चालीसा माता अंजनी पूर्व जन्म में इंद्र राज महल की अप्सरा थी उनका नाम पूंजीकस्थला था। उनका रूप बहुत ही आकर्षक और सद्भाव बहुत चंचल था । चंचलता के कारण उन्होंने एक ऋषि के साथ अभद्र व्यवहार किया ।जिस कारण उन्हें वानर रूप होने का श्राप मिला था । पूंजीकस्थला को आत्मग्लानि हुई और … Read more