ग्यारहवाँ अध्याय कार्तिक माहात्म्य
ग्यारहवाँ अध्याय कार्तिक माहात्म्य एक समय नारदजी श्री व्यासजी से पूछने लगे कि हे व्यासजी ! गृहस्थाश्रम सब आश्रमों से उत्तम क्यों माना गया है? तब व्यासजी ने कहा-जैसे सब नदियाँ समुद्र में आश्रय पाती हैं और सब जीव माता का आश्रय पाकर ही जीवित रहते हैं। छः प्रकार के १. भिक्षुक, २. ब्रह्मचारी, ३. … Read more