Maa ka Mann Lyrics |कौन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता

Maa ka Mann

Maa ka Mann Lyrics in Hindi

मैं पर्वत ना चढ़ा तो क्या
जगदंबा मेरे घर पर हैं
ओ मैं पर्वत ना चढ़ा तो क्या
जगदंबा मेरे घर पर हैं

सौ तीर्थ का है पुण्य मिला
माँ के पैरो में सारा है
यही वेदों में, यही वेदों में
लिखा है बताती है गीता

कोन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता

कौन हराय उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माता का मन जीता

माँ ने सजाया हमको जैसा
ऐसे सजा के रखना है माँ को
राज दुलारा हमको बनाया
रानी बना के रखना है मांँ को

जिस उंगली ने चांद दिखाया
वो उंगली ना छोड़ेंगे
माँ का दिल है मंदिर जैसा
मंदिर ना तोड़ेंगे
यहीं जान है यहीं जान है
दाम लल्ला का
यही कृष्ण से है सिखा

कोन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस वेटे को
जिसने माँ का मन जीता

कौन हराए उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराए उस बेटे को
जिसने माता का मन जीता

मंदिर में जो फूल चढ़ाये
वो आंगन में भी हो अर्पण
माँ की चौकी घर की चौकथ
दोनो ही होते हैं पावन

कान्हा को है जिसने जन्मा
रघुराई है जिसके ललना
वही बंदला भाई आये
भेष बदलके अपने अंगना
वही देवकी वही देवकी
वही यशोदा वो ही पार्वती सीता

कौन हराय उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराय उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराय उस बेटे को
जिसने माँ का मन जीता
कौन हराय उस बेटे को
जिसने माता का मन जीता

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