हृदय साफ किया ना अपना राम कहां से पाओगे।।
हृदय साफ किया ना अपना, राम कहां से पाओगे।। तन को धोया मल मल तूने, साबुन लाख लगाये रे, मन मंदिर को धोया नाहीं, कैसे प्रभु को पाओगे, राम कहां से पाओगे।। नाना इतर लगाया तूने, तन को खूब सजाया रे, मन को तूने किया ना सुंदर, कैसे उसे लुभाओगे, राम कहां से पाओगे ।। … Read more