ऊंची ऊंची वादी में बसते हैं मेरे भोले शंकर,भोले शंकर,
ऊंची ऊंची वादी में बसते हैं मेरे भोले शंकर,
कैसी है लगी मुझको तेरी लगन, गांव और जम्मू होके , तुझ में मगन,
ऊंची ऊंची वादी में बसते हैं मेरे भोले शंकर,
ऊंची ऊंची वादी में बसते हैं मेरे भोले शंकर
भोले शंकर भोले भोले शंकर, रूद्र रूप महादेव अकालदर्शी शंकर रूद्र रूपा महादेवा अकालदर्शी शंकरा ,
पर्वत पर बैठा मेरा भोला शंकर मैं उसका दीवाना,
भोलेनाथ का हूं मैं दीवाना, भोलेनाथ का हूं मैं दीवाना,
झूठी है यह दुनिया सारी झूठा है जमाना,
भोलेनाथ का हूं मैं दीवाना,
ऐसी है लगी मुझको तेरी लगन, गांव और झूमू होकर तुझ पर मगन,
ऊंची ऊंची वादी में बसते हैं भोले शंकर,
ऊंची ऊंची वादी में बसते हैं भोले शंकर,
भोले भोले शंकर भोले भोले,
रूद्र रूपा महादेव शंकरा,
रूद्र रूप महादेव देखा त्रिकालदर्शी शंकरा शंकरा
प्रेमानंद जी महाराज का जीवन परिचय | Premanand Ji Biography
गूगा पंचमी | गोगा पंचमी | जाहर वीर पंचमी
- चिन्ता पुर्णी तू चिंता हरने वाली तू मेरे घर आ जा
- दिन तेरे बन्धुवा दां, रात तेरी अपनी नींद नू छड़
- कैसे चुकाऊँ इन साँसों का मोल रे जन्म देने वाले
- प्रभु प्यारया नू नींद न आवे तेरी किवें अक्ख लग गई
- सत्गुरु पाया तां हो गई निहाल नी सइयों
- प्रभु नाम गुण गा कि सौदा सचा है | | लिरिक्स
- दीवे दी लौ वरगा जिन्दगी दा खेल वे बुझ जाना दीवा
- हर रंग विच तेरा मैं नजारा वेखिया