कीड़ी ने कण हाथी ने मण सगलो हिसाब चुकावे है लिरिक्स

कीड़ी ने कण हाथी ने मण सगलो हिसाब चुकावे है

कीड़ी ने कण हाथी ने मण,
सगलो हिसाब चुकावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचाते है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है ,


जो जल में रेवे जीव जंतु,
वे जल में सब कुछ पावे है,
जो रखे हैं ई धरती पर,
वेई धरती सु पावे है,
ज्यारी जितनी चोंच होवे,
ज्यारी जितनी चोंच होवे,
बितणो ही चुगो चुगावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है ।।


सरकारा तो है देखी घणी,
पर या सरकार अनोखी है,
इने नोट वोट ना कुरसी चाहे,
चाहे भावना चोखी है,
कठपुतलियां हाँ इन हाथा री,
कठपुतलियां हाँ इन हाथा री,
या ही नाव नचावे है,
खाटु माहि बैठ्या सांबरो,
सारो खेल रचाते है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारा खेल रचाते है ||


बगुला रो भोजन मछली मांस,
और हंस तो मोती खावे है
और जैसा हो स्वभाव जियांको,
वैसी बोली पावे है,
रंग एक है काग कोयल रो,
रंग एक है काग कोयल रो,
वाणी भेद बतावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है ||


कीड़ी ने कण हाथी ने मण,
सगलो हिसाब चुकावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है,
खाटु माहि बैठ्यो सांवरो,
सारो खेल रचावे है ||

रींगस के उस मोड़ पे हार गया मैं इस दुनिया से लिरिक्स

मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे गुरुदेव सांवरिया मेरे लिरिक्स

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