माँ ने खेल रचाया है | maa ne khel rachaya lyrics

माँ ने खेल रचाया है

माँ ने खेल रचाया है

जय हो ! जय हो! जय जय जय माँ ने खेल रचाया ए,
हुण मौजाँ ई मौजाँ… दर ते आप बुलाया ए,
हुण मौजाँ ई मौजाँ. असां ने उस तों जो वी मंगया,
माँ ने झोली पाया ए-

सौ-सौ वारी चरणां ते मत्थे असी टेके,
जदों हो गईयां दूर ने उदासियाँ।
दुनियां दी शान महारानी दा दीदार कर,
खुश होईयां अखियाँ प्यासियां।।
चरणा च वगदी गंगा दा माँ ने अमृत पान कराया ए-

हण मौजाँ ई मौजाँ “मौजाँ ई मौजाँ”

हुण मौजाँ ई मौजाँ…
शीतल मिल गई छाया ए,
हुण मौजाँ ई मौजाँ…
मेहर दा मींह बरसाया ए,
हुण मौजाँ ई मौजाँ…

“मौजाँ ई मौजाँ”

माँ ने कईयाँ जनमाँ दे धोन धो दित्ते,
दित्तीयाँ नेमताँ ए सारियाँ।
खुशी विच लगदे ना धरती तें पैर मेरे,
बिना खम्बों लावाँ मैं उडारियाँ।।
दुख-भंजनी ने दुखड़े हरके रोंदा मुंह हंसाया ए-
“मौजाँ ई मौजाँ”
जलवा नवाँ दिखाया ए, हुण मौजाँ ई मौजाँ…
कुन्दन हो गई काया ए, हुण मौजाँ ई मौजाँ…

“मौजाँ ई मौजाँ’

सूनी-2 जिंदगी दे सुक्के-2 बाग विच,
महकियाँ बहारा हुन लख माँ।
ऐस पासे तकया तँ मेहर दीयाँ अखां नाल,
खुली मेरे करमाँ दी अख माँ।।
मेरे मन दे मन्दिरां अन्दर,
डेरामाँ तूं लाया ए-हुण मौजाँ ई मौजाँ…

सुत्ता भाग जगाया ए, हुण मौजाँ ई मौजाँ…
ओ सदा लई चरणी लाया ए, हुण मौजाँ ई मौजाँ…

“मौजाँ ई मौजाँ”

अष्टभुजी-दाती माँ ने मेहरा दी पिटारी खोल,
बड़ियां सौगातां अज कढियां।
तिन्ना – लोकाँ दीयाँ सारियाँ रहमतां,
बच्चयां तों बार हुण छड्डियां ।।
माँ ने अपनी भगती दा सानूँ पावन नशा चढ़ाया ए-

“मौजाँ ई मौजाँ”
“मौजाँ ई मौजाँ”

अपना नाम जपाया ए,
हुण मौजाँ ई मौजाँ…
रोम-रोम हरषाया ए,
हुण मौजाँ ई मौजाँ…
ओ महामाई दी माया ए,
हुण मौजाँ ई मौजाँ…
ओ दिन खुशियां दा आया ए,
हुण मौजाँ ई मौजाँ…

गैर तो मंगी न गुरु तो संगी न

दया इतनी सी हो जाए किरपा इतनी सी हो जाए लिरिक्स

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