मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा
मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा,
लगे अषाढ़ उमड़ घन गरजे सावन गरुण गंभीरा,
अरे सावन गरुण गंभीरा अरे हाँ सावन गरुण गंभीरा,
उड़े गुलाल लाल भये बादर, सावन गरुण गंभीरा,
अरे सावन गरुण गंभीरा अरे हाँ सावन गरुण गंभीरा,
भादवं बिजुरी तड़ा – तड़ तडके -4 वै तो भरी आये चहुँ दिशि नीरा, बिना रघुवीरा,
मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा,
लगे कुआर उमड़ भये बरखा कार्तिक निर्मल नीरा,
बोले हुए शब्द वापस नहीं आते – शिक्षाप्रद कहानी
मत मारो श्याम पिचकारी लिरिक्स || Holi Bhajan
मोरा कौन हरे दुःख पीरा बिना रघुवीरा pdf
- सांवले से कान्हा लिरिक्स ( निखिल वर्मा )
- आ श्यामा मैनू दस वे तेरा कित्थे ठिकाना लिरिक्स
- सोहना जी सोहना मेरा श्याम नी मैं वारी जावां लिरिक्स
- तूने अजब रचा भगवान महीना होली का लिरिक्स
- लिख दी ये जिंदगानी तेरे नाम बांके बिहारी लिरिक्स