शंभू सभी में समाया लिरिक्स | Hansraj raghuwanshi

शंभू सभी में समाया

शंभू सभी में समाया

जो न कभी जन्मा तो क्या होगी मृत्यु
खुद से बने है जो वो है शक्ति शंभू
तीनों लोक के है स्वामी
कैलाश पति अंतर्यामी

जिसका भेद कोई भी जान ना पाया
शंभू सभी में समाया
जिसने पूजा उसे हाथ थमाया

शंभू जिसकी लीला अपरंपार है
सबमें वो है वो सबका संसार है
जो बना है बनाया है शंभू ने
जो भी मिटा है मिटाया है शंभू ने
शंभू कहे जग सारा
शंभू सभी में समाया
जिसने पूजा उसे हाथ थमाया

मौन में बैठा सृष्टि को जो सुन सकता
मन चाहा जो रूप अकार बदल सकता
मौन में बैठा सृष्टि को जो सुन सकता
मन चाहा जो रूप अकार बदल सकता

अपनी मर्जी से जिसको भी चाहे
स्वाहा कर सकता
भक्तों की किस्मत को वो ही बनाता हैं
कष्ट जो आए तो उसको मिटाता है
भक्ति से भक्तों में आया
शंभू सभी में समाया
जिसने पूजा उसे हाथ थमाया

भक्ति मार्ग में दृढ़ता लाने का सबसे सरल साधन

जहाँ ले चलोगे वही मैं रहूंगा गंगा किनारे चल जाणा लिरिक्स
शिव भोले का डमरु जब-जब बजता है सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में
सुबह सुबह ले शिव का नाम करले बन्दे ये शुभ कामशिव शंकर रखवाला मेरा

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