श्री भगवती नाम माला

श्री भगवती नाम माला

एक दिन वट वृक्ष के नीचे थे शंकर ध्यान में। सती की आवाज आई मीठी उनके कान में।

दुनियां के मालिक मेरे अविनाशी भण्डारी हो। देवन के महादेव हो त्रिशूल डमरु-धारी हो ।

विनय सुनकर मेरी भगवान दया तो दिखलाइए। भगवती की नाम माला मुझ को भी बतलाइए।

इतना सुनकर मुस्कराकर तब बोले गिरिजा पति । अपने नामों की ही महिमा सुनना चाहती हो सती ।

तो सुनो यह नाम तेरे जो मनुष्य भी गायेगा। दुनियां में भोगेगा सुख अन्त मुक्ति पायेगा।

नाम जो स्तोत्र तुम्हारा मन्त्र इक सौ आठ का। जो पढ़ेगा फल वो पाये सो दुर्गा पाठ का ।

लो सुनाता हूँ तुम्हें कितने पवित्र नाम है। जिसके पढ़ने सुनने से होते पूर्ण काम है।

उमा ईन नामों को जो भी मेरे सनमुख गायेगा। मैं भरू भण्डारे उसके मांगेगा जो पाएगा।

सती साध्वी भवप्रीता, जय भव मोचनी, भवानी जै । दुर्गा आर्या जय त्रयलोचनी, शुलेश्वरी महारानी जै ।

चन्द्रघंटा, महातपा, विचित्रा मनपिनाक धारनी जै ।सत्यानन्द, सवरुपनी, सती भक्तन कष्टनिवारणी जै ।

चेतना, बुद्धि, चित-रुपा, चिन्ता, अहंकार निवारणी जै। सर्वमंत्र माया, भवानी, भव्या, मानुष जन्म संवारणी जै ।

तू अनन्ता, भव्या, अभव्या, देव माता, शिव प्यारी है।दक्ष यज्ञ विनाशनी, तू सुर सुन्दरी दक्ष कुमारी है।

काली, महाकाली, चण्डी, ज्वाला, नैना दाती है।चामुण्डा, निशुम्भ विनाशनी, दुःख दानव की घाती है।

कन्या कौमारी, किशोरी, महिषासुर को मार दिया।चण्ड मुण्ड नाशिनी, जै बाला दुष्टों का संहार किया है।

शस्त्र वेदज्ञाता, जगत जननी खण्डा धारती है। संकट हरनी मंगल करनी, तू दासों को तारती है।

कल्याणी, विष्णु माया, तू जलोधरी, परमेश्वरी जै।भद्रकाली, प्रतिपालक, शक्ति जगदम्बे जगदेश्वरी जै।

तू नारायणी ‘चमन’ की रक्षक वैष्णवी ब्रह्माणी तू, वायु निद्रा अष्टभुजी सिंहवाहनी सब सुखदानी तू।

ऐन्द्री, कैशी, अग्नि, मुक्ति, शिवदूती कहलाती हो।।रुद्रमुखी, प्रौड़ा महेश्वरी, ऋद्धि सिद्धि बन जाती हो।

दुर्गा जगदम्बे महामाया कन्या आध कंवारी तू। अन्नपूर्णा चिन्तपूर्णी, शीतला शेर सवारी तू।

पाटला, पाटलावति कूषमांडा पिताम्बर धारनी जै। कात्यायनी, जै लक्ष्मी वाराही भाग्य संवारनी जै।

सर्वव्यापनी जीव जन्म दाता तू पालनहारी है। कर्ता धर्ता हर्ता मैय्या तेरी महिमा न्यारी है।

तेरे नाम अनेक हैं दाती कौन पार पा सकता है। तेरी दया से ‘चमन’ भवानी गुण तेरे गा सकता है।

जगत माता महारानी अम्बे एक सौ आठ ये नाम।’चमन’ पढ़े सुने जो श्रद्धा से पूरे हो सब काम।

चमन की श्री दुर्गा स्तुति

श्री दुर्गा स्तुति अध्याय

महा चण्डी स्तोत्र
महा काली स्तोत्र
नमन प्रार्थना
माँ जगदम्बे जी आरती
महा लक्ष्मी स्तोत्र
श्री संतोषी माँ स्तोत्र
श्री भगवती नाम माला
श्री चमन दुर्गा स्तुति के सुन्दर भाव
श्री नव दुर्गा स्तोत्र – माँ शैलपुत्री
दूसरी ब्रह्मचारिणी मन भावे – माँ ब्रह्मचारिणी
तीसरी ‘चन्द्र घंटा शुभ नाम –  माँ चंद्रघण्टा
चतुर्थ ‘कूषमांडा सुखधाम’ – माँ कूष्मांडा
पांचवी देवी असकन्ध माता – माँ स्कंदमाता 
छटी कात्यायनी विख्याता – माँ कात्यायनी
सातवीं कालरात्रि महामाया – माँ कालरात्रि
आठवीं महागौरी जगजाया – माँ महागौरी
नौवीं सिद्धि धात्री जगजाने – माँ सिद्धिदात्री
अन्नपूर्णा भगवती स्तोत्र

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