श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना
‘चमन’ मत समझो लियाकत का यह होता मान है। लाज अपने नाम की वह रख रहा भगवान है।
जय गणेश जय गणपति पार्वती सुकुमार।विघ्न हरण मंगल करण ऋद्धि सिद्धि दातार।
कवियों के मानुष विमल शोभा सुखद ललाम। ‘चमन’ करे तब चरणों में कोटि कोटि प्रणाम।
जय बजरंगी पवन सुत जय जय श्री हनुमान ।आदि शक्ति के पुत्र हो करो मेरा कल्याण।
नव दुर्गा का पाठ यह लिखना चाहे दास।अपनी कृपा से करो पूर्ण मेरी आस।
त्रुटियां मुझ में हैं कई बखशना बखशनहार। मैं बालक नादान हूं तेरे ही आधार।
बल बुद्धि विद्या देहो करो शुद्ध मन भाओ।शक्ति भक्ति पाऊं मैं दया दृष्टि दरसाओ।
आदि शक्ति के चरणों में करता रहू प्रणाम।सफल होए जीवन मेरा जपता रहं श्री राम।
गौरी पुत्र गणेश को सच्चे मन से ध्याऊं। शारदा माता से ‘चमन’ लिखने का वर पाऊं।
नव दुर्गा के आसरे मन में हर्ष समाये। महाकाली जी कर कृपा सभी विकार मिटाये।
चण्डी खड़ग उठाये कर करे शत्रु का नास। काम क्रोध मोह लोभ का रहे न मन में वास।
लक्ष्मी, गौरी, धात्री, भरे मेरे भण्डार।लिखू मैं दुर्गा पाठ को दिल में निश्चय धार।
अम्बा जगदम्बा के जो मन्दिर माही जाए। पढ़े पाठ यह प्रेम से या पढ़ के ही सुनाए।
एक आध अक्षर पढ़े जिसके कानों माहिं।उसकी सब मनोकामना पूरी ही हो जाहिं।
माता उसके सीस पर धरे कृपा का हाथ। ऐसे अपने भक्त के रहे सदा ही साथ।
संस्कृत के श्लोकों की महिमा अति अपार।टीका कैसे कर सके उसका ‘चमन’ गंवार।
मां के चरणों में धरा सीस जभी घबराए। जग जननी की कृपा से भाव गये कुछ आए।
उन भावों के आसरे टूटे फूटे बैन।गरुदेव की दया से लिख कर पाऊ चैन।
भाषा दुर्गा पाठ की सहज समझ आ जाए। पढ़कर इसको जीव यह मन वांछित फल पाए।
महामाया के आसरे किये जाओ गुणगान।पूरी सब आशा तेरी करेंगे श्री भगवान।
निश्चय करके पाठ को करेगा जो प्राणी। वह ही पायेगा ‘चमन’ आशा मन मानी।
चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- सर्व कामना पूर्ण करने वाला पाठ- चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि
- श्री दुर्गा स्तुति प्रारम्भ
- प्रसिद्ध भेंट माता जी की (मैया जगदाता दी)
- सर्व कामना सिद्धि प्रार्थना
- श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना ( श्री गणेशाय नमः)
- श्री दुर्गा कवच
- श्री मंगला जयन्ती स्तोत्र
- श्री अर्गला स्तोत्र नमस्कार
- कीलक स्तोत्र
- विनम्र प्रार्थना
श्री दुर्गा स्तुति अध्याय
- पहला अध्याय
- दूसरा अध्याय
- तीसरा अध्याय
- चौथा अध्याय
- पांचवा अध्याय
- छटा अध्याय
- सातवां अध्याय
- आठवां अध्याय
- नवम अध्याय
- दसवां अध्याय
- ग्यारहवां अध्याय
- बारहवां अध्याय
- तेरहवाँ अध्याय