दुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय |Durga saptshati terwa adhyay

दुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय ऋषि बोले-हे राजन् ! भगवती का यह श्रेष्ठ महात्म्य मैंने तुम्हें सुना दिया इस संसार को धारण करने वाली भगवती का ऐसा प्रभाव है इसी कारण हे राजन् आप उस परमेश्वरी की शरण में ही जाइए और वही भगवती आराधना करने से मनुष्यों को भोग, स्वर्ग, मोक्ष आदि देती हैं। मार्कण्डेय … Read more

दुर्गा सप्तशती बारहवाँ अध्याय |Durga saptshati barahwa adhyay

दुर्गा सप्तशती बारहवाँ अध्याय देवी बोलीं–जो मनुष्य एकाग्र मन से नित्य-प्रति स्तोत्र (दुर्गा सप्तशती) से मेरी प्रार्थना करता है उस मनुष्य की समस्त बाधाओं का मैं निश्चय ही शमन कर देती हूँ। जो मधु कैटभ का विनाश महिषासुर का घात और शुम्भ निशुम्भ के वध का कीर्तन करेंगे तथा अष्टमी, चतुर्दशी तथा दोनों पक्ष की … Read more

दुर्गा सप्तशती दसवां अध्याय |Durga saptshati dasam adhyay

दुर्गा सप्तशती दसवां अध्याय ऋषि बोले-अपने प्राणप्रिय भ्राता निशुम्भ को मरा हुआ देख सारी सेना का संहार होता हुआ जान शुम्भ कुपित होकर बोला–दुष्ट दुर्गे ! तू अभिमान न कर, तू दूसरों के बल का सहारा लेकर झूठे अभिमानों में चूर होकर संग्राम करती है। देवी बोली–रे दुष्ट ! इस संसार में मैं अकेली हूँ … Read more

नमन प्रार्थना

नमन प्रार्थना – मां जगदम्बे तुम हो जगत जननी मैय्या नमन प्रार्थना मां जगदम्बे तुम हो जगत जननी मैय्या । ये मेरे भी कष्ट निवारो तो जानू । दुनियां की बिगड़ी बनाई है तू नें। ये मेरी भी बिगड़ी संवारो तो जानूं। नाश किये दैत्य देवों के कारण। मेरे भी शत्रु यह टारो तो जानूं। … Read more

पांचवा अध्याय

पांचवा अध्याय पांचवा अध्याय – भगवती का दर्शन पाने के लिए ऋषि राज कहने लगे, सुन राजन मन लाय। दुर्गा पाठ का कहता हूं, पांचवा मैं अध्याय । एक समय शुम्भ निशुम्भ दो हुए दैत्य बलवान। जिनके भय से कांपता था यह सारा जहान। इन्द्र आदि को जीत कर लिया सिंहासन छीन। खोकर ताज और … Read more

प्रसिद्ध भेट माता जी

मैय्या जगदाता दी मैय्या जगदाता दी कह के जय माता दी तुरया जावीं, देखी पैंडे तों न घबरावी। पहलां दिल अपना साफ बना लै।फेर मैय्या नूं अर्ज सुना लै। मेरी शक्ति वधा मैनूं चर्णा च ला।कैंहदा जावीं, देखी पैंडे तो न घबरावीं।मैय्या…. ओखी घाटी ते पैंडा अवलड़ा।ओदी श्रद्धा दा फड़ लै तू पलड़ा। साथी रल … Read more

श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना (श्री गणेशाय नमः)

श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना ‘चमन’ मत समझो लियाकत का यह होता मान है। लाज अपने नाम की वह रख रहा भगवान है। जय गणेश जय गणपति पार्वती सुकुमार।विघ्न हरण मंगल करण ऋद्धि सिद्धि दातार। कवियों के मानुष विमल शोभा सुखद ललाम। ‘चमन’ करे तब चरणों में कोटि कोटि प्रणाम। जय बजरंगी पवन सुत जय जय … Read more

श्री दुर्गा स्तुति सर्व कामना सिद्धि

श्री दुर्गा स्तुति सर्व कामना सिद्धि प्रार्थना नित्य पढिए भगवती भगवान की भक्ति करो परवान तुम। अम्बे कर दो अमर जिस पे हो जाओ मेहरबान तुम। काली काल के पंजे से तुम ही बचाना आन कर। गौरी गोदी में बिठाना अपना बालक जान कर। चिन्तपुरनी चिन्ता मेरी दूर तुम करती रहो।। लक्ष्मी लाखों भण्डारे मेरे … Read more

श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि

श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि ब्रम्ह मुहूर्त में उठते समय जय जगदम्बे जय जय अम्बे का ग्यारह बार मुंह में जाप करें। शौच आदि से निवृत हो कर स्नान करने के बाद लाल रुमाल कन्धे पर रखकर पाठ करें। मौली दाई कलाई पर बांधे या बंधवा लें। आसन पर चौकड़ी लगा (बैठ कर) हाथ जोड़ … Read more