श्रावण महात्म्य पाँचवां अध्याय – shravan maas panchwa adhyay
श्रावण महात्म्य पाँचवां अध्याय ईश्वर ने कहा- सनत्कुमार कोटिलिंग का महात्म्य तथा पुण्य का विधान नहीं कहा जा सकता है। जब एकलिंग महात्म्य की कथा कहना असम्भव है तो कोटिलंगों के महात्म्य को कौन कह सकता है। इस महीने में एक लिंग के बनाने से भी जीव मेरे पास निवास करता है। भक्ति द्वारा मन … Read more